SC /ST एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- प्रावधानों को लागू करने से पहले पुलिस को सतर्क रहना होगा !

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम जैसे कड़े कानूनों के प्रावधानों को लागू करने से पहले पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहना होगा।

दिल्ली; सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम जैसे कड़े कानूनों के प्रावधानों को लागू करने से पहले पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहना होगा। न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि अधिकारी को इस बात से संतुष्ट होना होगा कि जिन प्रावधानों को वह प्रथम दृष्टया लागू करना चाहता है, वे इस मामले में लागू होते हैं।

अदालत ने स्पष्ट किया कि ये टिप्पणियां विशेष/कड़े कानूनों की प्रयोज्यता को कम करने के लिए नहीं की गई हैं, बल्कि केवल पुलिस को यह याद दिलाने के लिए है कि कानून को तथ्यात्मक स्थिति के संदर्भ में यांत्रिक रूप से लागू न करें।

इस मामले में आरोपी के खिलाफ शिकायत के आधार पर एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों का हवाला देते हुए प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। जैसा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया था, आरोपी ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

शिकायत और प्राथमिकी पर विचार करते हुए, पीठ ने कहा कि भले ही आरोपों को उनके अंकित मूल्य पर सही माना जाता है, यह स्पष्ट नहीं है कि अपीलकर्ता के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत कोई अपराध किया गया है। इसमें कहा गया है कि शिकायत और प्राथमिकी तुच्छ, परेशान करने वाली और दमनकारी है।

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