ज्ञानवापी परिसर में पूजन-अर्चन से रोके जानें पर भावुक हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज, किया अन्न-जल का त्याग…

मामला विचाराधीन होने के कारण प्रशासन ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज और उनके साथी 71 संतों को परिसर में पूजन करने की अनुमति नहीं दी. इस बात पर नाराज होकर स्वामी अविमुक्तेशवरानंद महाराज नाराज होकर,अन्न जल त्यागकर मठ में ही अनशन पर बैठ गए. प्रशासन द्वारा पूजन से रोकने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भावुक हो गए.

वाराणसी का ज्ञानवापी मामला तूल पकड़ने लगा है. अभी शुक्रवार को काशी में धर्म परिषद की बैठक हुई थी जिसमें तमाम संतों ने ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने का संकल्प लिया था. इसी कड़ी में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने ज्ञानवापी परिसर में पूजन करने को लेकर अनशन पर बैठ गए हैं.

दरअसल, ज्ञानवापी परिसर से कथित शिवलिंग के वीडियो सामने आने के बाद अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने शिवलिंग का पूजन करने की मांग कर रहे थे. शनिवार सुबह शांति भांग की आशंका को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया था. शनिवार सुबह 8.30 बजे गंगा के रास्ते 71 संतों का काफिला ज्ञानवापी परिसर में स्थित कथित शिवलिंग का अभिषेक और पूजन करने के लिए रवाना होने वाला था लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका.

मामला विचाराधीन होने के कारण प्रशासन ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज और उनके साथी 71 संतों को परिसर में पूजन करने की अनुमति नहीं दी. इस बात पर नाराज होकर स्वामी अविमुक्तेशवरानंद महाराज नाराज होकर,अन्न जल त्यागकर मठ में ही अनशन पर बैठ गए. प्रशासन द्वारा पूजन से रोकने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भावुक हो गए.

उन्होंने कहा प्रशासन जब तक परमिशन नहीं देता है तब तक वो अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे. उन्होंने विकल्प के तौर पर प्रशासन से ही कथित शिवलिंग की पूजन-अर्चन करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर आप किसी तरह से प्रमाणिक तौर पर पूजा का प्रमाण देते हैं तो मैं अनशन से उठ जाऊंगा.

बहरहाल, प्रशासन स्वामी अविमुक्तेशवरानंद महाराज को मनाने में जुटा हुआ है, लेकिन संत हैं कि प्रशासन के सामने अडिग होकर पूजन के लिए डंटे हुए हैं.

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