Desk : स्मार्टफोन यूजर्स के लिए ट्रूकॉलर एक महत्वपूर्ण एप है. इसका लगभग हजारों लोग उपयोग करते हैं. इसके माध्यम से असानी से स्पैम कॉल और महत्वपूर्ण कॉल के बारे में पता लगाया जा सकता है. इस एप से ये सहुलियत होती है कि हम अपना वक्त बचा सकते है. लेकिन इस एप्लिकेशन के माध्यम से साइबर अपराध के भी नए मामलें सामने आने लगे है. एक रिपोर्ट की माने तो ट्रूकॉलर की मदद से कई साईबर अपराध के मामले सामने आ चुके हैं. इस एप के माध्यम से काफी सफाई के साथ के फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा है.
दरअसल एक रिपोर्ट की माने तो फ्रॉड करने के लिए साइबर ठग सबसे पहले ट्रूकॉलर पर किसी बैंक या किसी बड़ी कंपनी के नाम से अकाउंट बनाते है और लोगों के उपर जाल फेकतें हैं. ये साइबर ठग सबसे पहले उस फर्जी नंबर से पहले कॉल करते हैं जिसके बाद संबंधित बैंक या अकाउंट से संबंधित जानकारी व्यक्ति से लेते है. जब तक कोई व्यक्ति इस पूरे मामले को समझ पाता ये साइबर ठग अपना काम कर चुके होते है. ये नया प्रकार की साइबर ठगी का मामला कई जगहों से प्रकाश में आया है. इतना ही नहीं ये ठग खुद भी अपने फोन में ट्रूकॉलर के जरिए सामने वाले शख्स का नाम और उनका लोकेशन भी देख लेते हैं. ऐसे में जब अपराधी उन्हें उनके नाम से पुकारते हैं तो सामने वाला शख्स भी उन्हें संबंधित कंपनी का अधिकार सोच बैठते हैं. फिर इसी चूक का फायदा उठाकर ठगी की घटना को अंजाम दिया जाता है.
इस तरह करें बचाव
किसी को भी कॉल के जरिए अपनी बैंकिंग डिटेल जैसे- अकाउंट नंबर, OTP और पिन जैसी जानकारियां ना दें, इसी तरह अपने अकाउंट के बारे में जानकारी भी बैंक जाकर की प्राप्त करें, संदेह होने पर किसी भी अनजान लिंक को क्लिक ना करें. ठगी होने की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर्स पर शिकायत दर्ज करें.