भारत में ही नहीं विदेश में भी रामायण की धूम, इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश ने बनाई ‘हनुमान सेना’ !

रामायण का प्रभाव भारत तक ही नहीं बल्कि थाईलैंड, इंडोनेशिया और कंबोडिया समेत कई दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में देखा जा सकता है. थाईलैंड में कमांडो की एक स्पेशल फोर्स है जिसे 'स्पेशल हनुमान यूनिट' कहा जाता है.

डिजिटल डेस्क; रामायण का प्रभाव भारत तक ही नहीं बल्कि थाईलैंड, इंडोनेशिया और कंबोडिया समेत कई दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में देखा जा सकता है. थाईलैंड में कमांडो की एक स्पेशल फोर्स है जिसे ‘स्पेशल हनुमान यूनिट’ कहा जाता है. दुनिया के हर देश में विशेष बलों को विशेष नाम देने की परंपरा रही है. भारत में, सेना, नौसेना और वायु सेना ने अपने विशेष बलों को विशिष्ट नाम दिए हैं.

भारत के पास सेना की पैरा स्पेशल फोर्स, नेवी की मार्कोस स्पेशल फोर्स और एयर फोर्स की गरुड़ स्पेशल फोर्स है. इसी तरह थाईलैंड में स्पेशल फोर्सेज (हनुमान कमांडो) का नाम बदलकर ‘हनुमान यूनिट’ कर दिया गया है. थाईलैंड पुलिस ने 40 अधिकारियों के साथ इस विशेष बल का गठन किया था.

रॉयल थाई पुलिस की स्पेशल विंग ‘हनुमान यूनिट’ के सभी जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. इस यूनिट के जवानों को एम4 राइफल, एके-47, स्मिथ एंड वेसन पिस्टल, एफएन फाइव-सेवन पिस्टल, हेकलर एंड कोच एमपी5 सब मशीनगन, एफएन-पी90 सब मशीनगन जैसे घातक हथियार दिए जाते हैं.

हनुमान यूनिट को थाईलैंज में अपराधियों का काल कहा जाता है. इस यूनिट ने ताकेदा और ना लूई तातिप जैसे कुख्यात संगठनों पर कार्रवाई कर अपनी ताकत का एहसास कराया है. ‘हनुमान यूनिट’ के जवानों को वेहद कठिन ट्रेनिंग के दौर से होकर गुजरना पड़ता है. यह ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है कि कई जवान अधूरी ट्रेनिंग ही छोड़कर वापस चले जाते हैं.

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