कैराना से सपा के टिकट बदलने की खबर गलत, हसन फैमिली की इकरा को लेकर यह है रणनीति

कैराना से विधानसभा सीट के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नाहिद हसन पर आरोप-प्रत्यारोप का बीजेपी का ऐजेंडा शाम होते-होते काम कर गया है. सोशलमीडिया पर तेजी से खबर प्रसारित की गयी कि पार्टी हाईकमान ने नाहिद हसन का टिकट काट दिया है. कैराना में नाहिद की बहिन इकरा हसन को नया उम्मीदवार बनाया गया है. लेकिन सोशलमीडिया की यह खबर गलत निकली है.

11 महीने से फरार चल रहे समाजवादी पार्टी के कैराना विधायक नाहिद हसन को पार्टी ने एक बार फिर विधानसभा 2022 में अपना प्रत्याशी घोषित किया है. टिकट फाइनल होने के दो दिन बाद नाहिद हसन ने अपनी फरारी पर विराम लगाते हुए 15 जनवरी को कोर्ट में सरेंडर कर दिया और न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. जानकारों की मानें तो नाहिद का सरेंडर पुलिस और संबधित अफसरों की जानकारी में हुआ.

दरअसल, फरारी काट रहे नाहिद हसन चुनाव नही लड़ सकते थे. इसलिए नाहिद ने चुनावी रणनीति के तहत यह कदम उठाया. अपने सरेंडर से पहले नाहिद हसन अपना चुनावी नामांकन भी जमा करवा चुके है. लेकिन उनके सरेंडर के एक दिन बाद प्रैस कांफ्रैस करते हुए बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने समाजवादी पार्टी के इस प्रत्याशी पर निशाना साधा. बीजेपी ने नाहिद के बहाने समाजवादी पार्टी को चुनावी ऐजेंडे के तहत अपराधीकरण का आरोप लगाकर बदनाम करने की कोशिश की.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर पत्रकारों को स्पष्ट जबाब देते हुए कहा कि अगर नाहिद को चुनाव लड़ने के लिए जमानत नही मिल पाती है तो वह परिवार के ऐसे शख्स को टिकट देगें जिसके खिलाफ कोई मुकदमा नही होगा. अखिलेश यादव का इशारा नाहिद हसन की बहिन इकरा हसन की ओर था. इसके बाद से सोशलमीडिया पर टिकट बदल जाने की अटकलें शुरू हो गयी.

समाजवादी पार्टी मुख्यालय की ओर से खबर लिखे जाने तक टिकट बदले जाने के फैसले से इंकार किया गया है. उधर, नाहिद हसन के आधिकारिक प्रतिनिधि मनोज राणा ने बताया कि यह अफवाह पूर्णरूप से गलत है, सोशल मीडिया पर बदनाम करने की साजिश है. अभी तक पार्टी की ओर से भी ऐसा कोई आदेश नही है. इकरा हसन पहले से ही परिवार और विधायक जी की ओर से जनता के बीच सक्रिय है और चुनाव प्रचार कर रही है.

इकरा मुनव्वर हसन से खुद फेसबुक पर टिकट काटे जाने की खबर को गलत बताया है और सोशल मीडिया की खबरों का खंडन किया है. उन्होने लिखा है कि यह सरकार का झूठ है. नाहिद हसन ही कैराना के उम्मीदवार है. सरकार का झूठ लंबा चलने वाला नही है.

आखिर कौन है इकरा मुनव्वर हसन-
कैराना के सांसद मुनव्वर हसन की बेटी इकरा हसन ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कालेज से कानून की पढ़ाई की और उच्चशिक्षा के लिए लंदन चली गयी. वह अपना नाम इकरा मुनव्वर हसन लिखती है. लंदन विश्वविद्यालय से इकरा इंटरनेशनल लॉ की पढ़ाई कर रही है.

सीएए कानून के विरोध में इकरा की एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें वह हाथ में तख्ती लिए अपना विरोध दर्ज कराती हुई लंदन की सड़कों पर दिखी थी. अपने भाई नाहिद हसन के खिलाफ तमाम मुकदमें लग जाने के बाद इकरा ने परिवार के बेटे के तौर पर अपने भाई की गैरमौजूदगी में उनका काम संभाला और जनता के बीच नजर आयी.

पार्टी के आयोजनों से लेकर जनता के दुख-सुख में शामिल हुई और लोगो की समस्याओं के लिए लड़ती रही. उन्होने अपने सोशलमीडिया एकाउंट्स के जरिये अपनी मौजूदगी का हमेशा एहसास कराया. यही वजह रही कि नाहिद हसन के नाम पर विवाद शुरू होते ही अखिलेश यादव ने इकरा हसन की ओर इशारा करते हुए टिकट बदलने की संभावनाओं को हवा दे दी.

इकरा जनता के बीच तो रहती ही हैं, मीडिया से भी प्रभावी रूप से रूबरू होती है और जोरदार तरीके से अपनी बात रखती है. जनता के बीच उनका जबरदस्त क्रेज है. इलाके की जनता भी उन्हें अपने प्रतिनिधि के तौर पर देखती है.

पुख्ता सूत्रों के मुताबिक नाहिद हसन के खिलाफ दर्ज मुकदमों को देखते हुए उनके जेल से ही चुनाव लड़ने की संभावना है. उनकी जमानत के आसार बेहद कम है. नाहिद के अलावा हसन फैमिली से इकरा हसन का नामांकन भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर कराया गया है. अगर किसी वजह से प्रशासन नाहिद हसन का नामांकन रद्द करता है तो इकरा समाजवादी पार्टी गठबंधन की ओर से पार्टी समर्थित प्रत्याशी के तौर पर जनता के बीच जायेगी. परिवार के लोग कहते है कि नाहिद सरकार की साजिशों के दायरे में है अगर कुछ ऐसा होता है तो इकरा मजबूत विकल्प के तौर पर चुनाव मैदान में खड़ी है.

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