भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 10 साल में होगी 10 लाख,इन्फोसिस के सह-संस्थापक का बड़ा बयान

अभी भारत अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा IPO बाजार है। 2024 में भारतीय IPO बाजार में $20.5 बिलियन की पूंजी जुटाई गई।

हर साल 20% की वृद्धि से स्टार्टअप्स में उछाल

इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी का मानना है कि अगले 10 वर्षों में भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 20% की दर से बढ़ेगी और यह 10 लाख तक पहुंच सकती है

स्टार्टअप्स से निकल रहे नए उद्यमी

फिलहाल भारत में 1.5 लाख स्टार्टअप्स हैं, लेकिन बड़े स्टार्टअप्स के कर्मचारी नई कंपनियां शुरू कर रहे हैं। फ्लिपकार्ट से अब तक 44 स्टार्टअप्स निकले हैं, जिनकी कुल वैल्यू $25 बिलियन है।

यूनिकॉर्न्स से निकले 2,000 नए स्टार्टअप्स

अब तक 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स ने करीब 2,000 नए स्टार्टअप्स को फंडिंग दी है। नीलेकणी ने इसे “बाइनरी फिशन” की प्रक्रिया कहा, जहां एक स्टार्टअप कई नए स्टार्टअप्स को जन्म दे रहा है।

2035 तक भारत बनेगा ग्लोबल IPO हब

नीलेकणी के अनुसार, जैसे-जैसे स्टार्टअप्स बढ़ेंगे, भारतीय IPO बाजार दुनिया का सबसे पसंदीदा बाजार बन जाएगा। अभी भारत अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा IPO बाजार है। 2024 में भारतीय IPO बाजार में $20.5 बिलियन की पूंजी जुटाई गई।

खुदरा निवेशकों की बड़ी भागीदारी

भारत में 100 मिलियन से अधिक यूनिक इक्विटी निवेशक हैं, और बीते तीन वर्षों में SIP निवेश ₹23,000 करोड़ प्रति माह तक पहुंच गया है।

ओपन-सोर्स AI और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

नीलेकणी ने कहा कि भारत को स्थानीय भाषाओं के लिए ओपन-सोर्स AI मॉडल विकसित करने चाहिए। बेहतर नेटवर्क और किफायती स्मार्टफोन से अगले 10 वर्षों में UPI यूजर्स 1 अरब तक पहुंच सकते हैं

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