साईकिल के पंचर बनाकर परिवार का लालन पालन करने वाले महज कक्षा सात तक की पढ़ाई करने वाले लक्षनधारी बिंद ने बिना पेट्रोल से चलने वाली बाइक का निर्माण कर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है । जिसकी गति सीमा 65 किमी प्रति घंटा है । बढ़ते प्रदूषण और महंगे होते डीजल पेट्रोल के दामों को देखते हुए पर महज पैंडिल से चलने वाली बाइक का आविष्कार किया है । इसमें लगे डबल चैन के कारण बाइक चलाने में भी हल्की हैं । जो साइकिल कम मोटर साईकिल ज्यादा नजर आती है । बाइक वह भी बिना मोटर वाली हैं न आश्चर्य की बात ।
छानबे विकास खंड के कोहली सौनहा निवासी साइकिल के पंचर की दुकान चलाने वाले लक्षनधारी बिंद ने देश के विकास के लिए अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है । देश में बढ़ते प्रदूषण और लोगों के द्वारा डीजल और पेट्रोल के महंगा होने का रोना रोना उनके दिल को छू गया । उसने कबाड़ी और बाइक पार्ट्स की दुकान से सामान लाकर इस समस्या का समाधान खुद ही ढूंढ निकाला ।
करीब तीन माह 18 दिन की मेहनत से उसने साइकिल को मोटर साइकिल का स्वरूप दे दिया । अमूमन साइकिल में एक चैन होता है । लेकिन लक्षनधारी के साइकिल में डबल चैन है । जो इस साइकिल रूपी बाइक को गति प्रदान करता है । उसकी मंशा है कि सरकार सहयोग करें तो कई समस्याओं का समाधान बिना तेल और मोटर की बाइक से किया जा सकता है। आने वाले दिनों में हवा से चलने वाली बाइक का बनाने का विचार है ।
साईकिल पर बाइक को देखकर लोगों का मजमा लग जाता है । आखिर हो भी क्यों ना । कक्षा सात तक पढ़े लक्षनधारी ने देश के विकास के लिए बिना तेल से चलने वाली बाइक का आविष्कार जो किया है । लोग इसके मेहनत की प्रशंसा कर उसके कार्य की सराहना कर रहे हैं ।