शुक्रवार को नेशनल वॉर मेमोरियल की मशान में अमर जवान ज्योति की मशाल का विलय किया गया। अब इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति नहीं जलेगी। दरअसल, इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति को नेशनल वॉर मेमोरियल की मशान में विलय करा दिया गया। पूरे सैन्य रिवाजों से इस कार्यक्रम को पूरा किया गया। सेना के अधिकारियों और जवानों ने पहले अमर जवान ज्योति पर जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मशाल को नेशनल वॉर मेमोरियल की ओर ले जाया गया।
राजधानी दिल्ली में अभी तक अमर जवान ज्योति इंडिया गेट की पहचान हुआ करती थी लेकिन अब यह इंडिया गेट की जगह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलेगी। इसका विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में किया जाएगा। गणतंत्र दिवस से पहले ये फैसला लिया गया है। सेना के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण 1972 में इंडिया गेट के नीचे 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था। इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था।
बता दें कि अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी, जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था। 1972 से लगातार इंडिया गेट पर 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति।