बीते दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में बयान दिया कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए किसानों की मौत का “कोई रिकॉर्ड नहीं” है। नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में सरगर्मियां तेज हो गयी। विपक्ष के तमाम नेताओं ने उनके इस बयान पर आपत्ति दर्ज कराई और केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
आरोपों और आपत्तियों के इसी कड़ी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा ने नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘कू’ पर पोस्ट कर लिखा, ”आंदोलन में कितने किसान मारे गए, सरकार ने कहा डेटा नहीं है, नोटबंदी का डेटा गायब, बेरोजगारी का डेटा गायब, मजदूरों ने पलायन किया, डेटा गायब, कोरोना से कितने मरे, डेटा गायब, एमएसएमई रोजगार गए, डेटा गायब, कितना विध्वंस किया, डेटा गायब, क्या बनाया, उसका भी डेटा गायब, कितना बेचा, उसका भी गायब। जिस सरकार के पास किसी चीज का आंकड़ा ही नहीं होता, वह नीतियां कैसे बनाती होगी?”
बता दें कि प्रदीप टम्टा कांग्रेस के एक बड़े नेताओं में से एक हैं। वह उत्तराखंड के अल्मोड़ा, सोमेश्वर विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से विधायक भी रहे है। इसके बाद प्रदीप टम्टा 15वीं लोकसभा के सदस्य भी रहे। साल 2014 में हुए आम चुनाव में उत्तराखंड के 5 लोकसभा सीटों पर बीजेपी की जीत हुई। प्रदीप टम्टा एक मात्र ऐसे कांग्रेस प्रत्यासी थे। जो बहुत कम मतों से हारे थे।