मुजफ्फरनगर के चुनावी स्टेडियम में इस बार नही होगा हिंदू-मुसलमान का इलैक्शन मैच- राकेश टिकैत

जनता के सवालों के जबाब बीजेपी के पास नही है, इसलिए भाग रहे है भाजपा के प्रत्याशी

मुजफ्फरनगर और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को इस बार सियासत का चुनावी स्टेडियम नही बनने दिया जायेगा और न ही इस स्टेडियम में कोई हिंदू-मुसलमान का मैच होगा. बीजेपी का मॉडल अब पुराना हो चुका है. खूब कैराना, दंगा, जिन्ना, पाकिस्तान और अस्सी-बीस कर लो. नये रंग-रोगन के साथ लाया गया यह 15 साल पुराना मॉडल अब काम नही करेगा. अबकी जनता चुनाव प्रत्याशियों से हिसाब मांग रही है और बीजेपी के प्रत्याशी सवालों से डर कर भाग रहे है. आज मेरठ में संयुक्त किसान मोर्चा की पहली प्रेसवार्ता में किसान नेता राकेश टिकैत ने जनता से आह्वान किया कि किसान, मजदूर और गरीब की अनदेखी करने वाली यूपी की बीजेपी सरकार को सजा दीजिए.

पश्चिम बंगाल की तरह अब उत्तर प्रदेश के सियासी रण में किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के झंडे तले बीजेपी के खिलाफ मिशन की शुरूआत की है. मिशन यूपी के नाम से शुरू हुई इस मुहिम के तहत उत्तरप्रदेश के 57 किसान संगठनों को संयुक्त किसान मोर्चा की चिठ्ठी लेकर जनता की देहरी पर भेजा जा रहा है. इस मिशन में हरियाणा के सैकड़ो किसान नेता औऱ कार्यकर्ता भी जुटे हुए है. यह मुहिम केन्द्र और यूपी सरकार की उस वायदाखिलाफी के विरूद्ध है जो उसने बीते दिनों में किसानों से किये थे. केन्द्र और राज्य की सरकारों ने ये वायदे पूरे नही किये.

कृषि कानून वापस होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के दिल्ली पर जमे कारवां को वापस करने के लिए केन्द्र और राज्य की सरकारों ने वायदें किये थे. इन वायदों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून को लेकर एक कमेटी के गठन का सरकार ने वायदा किया था. लेकिन संसद सत्र की शुरूआत के बाद भी इस कमेटी का सरकार ने गठन नही किया. कमेटी के गठन को लेकर सरकार ने संसद में दलील दी कि निर्वाचन आयोग से इस मामले में अनुमति मांगी गयी है. किसान मोर्चा का आरोप है कि सरकार ने उनके साथ इस मामले में गद्दारी की है.

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने प्रेसवार्ता में कहा कि केन्द्र और राज्यों ने किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने का वायदा किया था लेकिन वह भी पूरा नही हुआ. इस मामले पर बोलते हुऐ एसकेएम के नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इस मामले में केवल प्रक्रिया शुरू करने की पहल की है. केन्द्र सरकार इस मामले में चुप्पी साधे है. यह वायदाखिलाफी है. इसी तरह आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों को भी मुआवजा दिये जाने की शर्त केन्द्र सरकार ने मानी थी लेकिन अभी तक इसके लिए पहल नही की गयी है.

योगेन्द्र यादव ने यूपी में शुगरमिलों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार और शुगरमिलें मिलकर किसानों को लूट रही है. क्रय केन्द्र से शुगरमिल तक गन्ना ढुलाई का किराया सरकार किसान से वसूलती है. लेकिन यह किराया केवल वही शुगरमिल ले सकता है जिस पर गन्ना किसानों का बकाया न हो. 2017-18 में जारी इस शासनादेश का यूपी सरकार पालन नही करा रही है. इस तरह हर पेराई सत्र में गन्ना किसानों से सैकड़ो करोड़ रूपया वसूला जा रहा है.

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और कॉर्डीनेशन कमेटी के सदस्य, पूर्व सांसद कॉमरेड हन्नान मोल्ला ने कहा कि लखीमपुर खीरी में एसआईटी की रिपोर्ट से यह साबित हुआ है कि किसानों को रौंदने की घटना एक सुनियोजित साजिश थी. यूपी की सरकार इस मामले पर लीपापोती करती रही. सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद मामले में निष्पक्षता से जांच की गयी. जब साजिश हुई और साजिश रचने वाला केन्द्र सरकार में मंत्री है तो वायदे के मुताबिक अभी तक उसे क्यों नही हटाया गया.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में किसान और दुकानदार सभी सरकारों से तंग है. किसानों के बाद अब सरकार पशुधन और दुग्ध उत्पादक किसानों को खत्म करने पर तुली है. एमएसपी के नाम पर हुई खरीद में एक लाख करोड़ सरकार के हमजोली व्यापारियों की जेब में जा रहा है. इस सत्र में भी एक हजार से ज्यादा व्यापारियों को किसान बताकर धान का पैसा उसे दे दिया गया. बीजेपी एमएसपी गारंटी कानून इसलिए नही बनाना चाहती क्योकि उससे उसके दोस्त व्यापारियों को नुकसान होगा.

राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी के नेता और यूपी के मुख्यमंत्री एक महीने से एक जाति को बदनाम करने की साजिश रच रहे है. चुनावी मंच से उस जाति को निशाना बनाया जा रहा है. बीजेपी उस जाति को समाज के हर वर्ग से अलग बांटना चाहती है. सरकार यूपी को बिहार बनाना चाहती है. वहां 15 साल से मंडी बंद है और किसान पलायन कर रहा है. इसी तरह का माहौल यूपी में पैदा करने की साजिश रची जा रही है. सरकारें किसान की जमीन लूटने को बैठी है.

राकेश टिकैत बोले कि बीजेपी हमारे बच्चों को पढ़ा-लिखा नौजवान नही, मजदूर बनाना चाहती है. इसलिए मुद्दो पर बात नही करती. बीजेपी को मजदूर चाहिए, नौजवान नही. इसीलिए शिक्षा और नौकरी देने के लिए बीजेपी सरकारें तैयार नही है. राकेश टिकैत ने कहा कि हम यूपी के चुनाव में मिशन यूपी लेकर जा रहे है. हर चरण के मतदान से पहले इसी तरह प्रेसवार्ता करेगे और किसान संगठन के कार्यकर्ता हमारे संदेश को घर-घर तक पहुंचायेगें. किसान खुद तय करें कि आधी एमएसपी से आधे दाम में फसल बेचकर किसे वोट करना है.

Related Articles

Back to top button