ट्रेडिंग एप बना जी का जंजाल, साइबर क्रिमिनल्स उठा रहे फायदा, रहे सावधान

गैंग के 5 दर्जन से ज्यादा सदस्य पूरे देश में फैले हुए है. गैंग के कुछ लिंक देश की राजधानी दिल्ली में भी है. सोशल मीडिया और ट्रेडिंग एप के जरिये पहले ये शिकार की रैकी करते है और फिर उन्हें डिजिटल

किरायेदारी के आपने बहुत से नमूने सुने होगे. किराये का मकान, किराये की गाड़ी, किराये के रिश्ते, किराये की कोख.. लेकिन क्या आपका बैंक खाता भी किराये पर उठ सकता है. आप हैरत करेगें मगर आज के जमाने में यह बिल्कुल मुमकिन है. करोडों रूपये की डिलिटल लूट करने वाले साइबर क्रिमिनल्स किराये के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे है. मेरठ पुलिस ने 3 राज्यों के 4 बैंक खाताधारकों को गिरफ्तार किया है जिनके खातों में ठगी का करोड़ों रूपया पहुंचा था.

बुजुर्ग दम्पत्ति को 5 दिन तक बंधक बनाकर करोड़ों की लूट

मेरठ पुलिस की संगीनों का साये में खड़े यह चार बदमाश साइबर अपराधियों के गैंग का हिस्सा है. यह मालिक है दर्जनों बैंक खातों के. इनके खातों में हर महीने करोड़ों रूपया आता-जाता है लेकिन यह रूपया इनका नही, साइबर क्रिमिनल्स का होता है. अपने बैंक खाते किराये पर देने के बदले हर महीने इन बैंक खाता मालिकों को लाखों रूपये का किराया मिलता है. मेरठ पुलिस ने महाराष्ट्र, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से इनकी गिरफ्तारी की है. ये बदमाश साइबर क्रिमिनल्स के उस गैंग का हिस्सा है जिन्होने पिछले दिनों मेरठ के एक बुजुर्ग दम्पत्ति को 5 दिन तक बंधक बनाकर रखा और पौने दो करोड़ रूपये लूट लिये.

गैंग के 5 दर्जन से ज्यादा सदस्य पूरे देश में मौजूद

अब तक की इन्वेस्टीगेशन में 25 से ज्यादा ऐसे बैंक एकाउंट मिले है जिन्हें 10 से 30 हजार रूपये महीने के किराये पर उठाया गया था. पुलिस ने इस केस के दर्ज होने के बाद बहुत तेजी से काम किया. खातों का पता लगाया और खाता मालिकों तक पहुंची. लेकिन तक तक मोटी रकम खातों से निकाल ली गयी थी. एक खाते में मिले 45 लाख रूपये पुलिस ने फ्रीज करा दिये है. पुलिस इन्वेस्टीगेशन में पता चला है कि इस गैंग के 5 दर्जन से ज्यादा सदस्य पूरे देश में फैले हुए है. गैंग के कुछ लिंक देश की राजधानी दिल्ली में भी है. सोशल मीडिया और ट्रेडिंग एप के जरिये पहले ये शिकार की रैकी करते है और फिर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके करोड़ों रूपये लूट लेते है. साइबर क्रिमिनल्स लूटी गयी रकम का इन्वेस्ट क्रिप्टों करेंसी में करते है. जिससे उनका पैसा सेफ रहे और सरकार की नजरों से भी बचे रहे.

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