Ukraine Crisis : यूक्रेन से स्वदेश लौटे भारतीय छात्र, परिजनों से मिलकर हुए भावुक, जताया भारत सरकार का आभार

यूक्रेन में फसे भारतीय बच्चो को भारतीय दूतावास की मदद से वापस लाया जा रहा है। जैनुद्दीन अंसारी सहित 5 MBBS छात्र-छात्राये है जो पहले दूतावास की मदद से यूक्रेन से रोमानिया पहुंचे और वहा से फ्लाइट के जरिये मुंबई पहुंचे। उसके बाद लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे है।

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत सरकार ने वहां फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं को सुरक्षित लाने का बीड़ा उठाया। मंगलवार को यूक्रेन से 5 MBBS छात्र-छात्रायें लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर परिजन और छात्र-छात्राये मिले तो भावुक हो गए और गले मिलते ही इनके आंसू छलक पड़े। अपने बच्चो को सुरक्षित पाकर परिजनों ने राहत की सांस ली और भारत सरकार का आभार जताया।

यूक्रेन से स्वदेश लौटे इन छात्र-छात्राओं के स्वागत में एडीएम एफआर विपिन कुमार मिश्रा खुद अपनी टीम के साथ मौजूद रहे और गुलदस्ता देकर इन सभी का स्वागत किया। यूक्रेन में फसे भारतीय बच्चो को भारतीय दूतावास की मदद से वापस लाया जा रहा है। जैनुद्दीन अंसारी सहित 5 MBBS छात्र-छात्राये है जो पहले दूतावास की मदद से यूक्रेन से रोमानिया पहुंचे और वहा से फ्लाइट के जरिये मुंबई पहुंचे। उसके बाद लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे है। इन सभी छात्र-छात्राओं का खर्च भारत सरकार ने उठाया है जिसके लिए ये और इनके माता पिता मोदी सरकार का धन्यवाद व्यक्त कर रहे है।

एयरपोर्ट पहुंचे ये सभी बच्चे पीएम मोदी को थैंक्स बोल रहे है तो वही यूक्रेन में भयानक मंजर की दस्ता भी बयां कर रहे हैं। इनका कहना है कि यूक्रेन में हालात बेहद खराब है और वो भगवान भरोसे और तमाम अव्यवस्थाओ के बीच बार्डर क्रास कर किसी तरह सुरक्षित वापस आ पाए है। इस दौरान छात्र-छात्राओं के बीच मौजूद एडीएम विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि यूक्रेन में इस भयावह हालत में जो भारतीय MBBS छात्र फसे हुए है उन्हें लाने का प्रयास लगातार सरकार कर रही है और भारतीय दूतावास की मदद से पहले इन्हे नजदीकी एयरपोर्ट लाया जा रहा है उसके बाद इन्हे इनके घरो तक भेजने की व्यवस्था भी की जा रही है साथ ही सबके खाने पीने का भी पूरा इंतजाम किया गया है।

गौरतलब है कि बड़ी संख्या में MBBS की पढाई करने गए छात्र-छात्राये यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां के भयावह हालत में फसे हुए है इसमें उत्तर प्रदेश सहित राजधानी लखनऊ के भी कई छात्र-छात्राएं शामिल है। जिन्हे सुरक्षित वापस लाने का प्रयास लगातार मोदी सरकार कर रही है। बहरहाल, अब तक भी हजारो की संख्या में बच्चे यूक्रेन में फसे हुए है जो सोशल मीडिया के जरिए अपने परिजनों के सम्पर्क में है और वापस लाने की गुहार लगा रहे है। तो वही एक छात्र की मौत भी हो चुकी है।

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