उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 अपने पड़ाव की और बढ़ रहा है। इसी क्रम में प्रदेश में पांचवें चरण का मतदान रविवार यानी 27 फरवरी को होना है। पांचवे चरण के मतदान में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों के साथ अवध क्षेत्र के कुछ जिले शामिल हैं और इस तरह 12 जिलों की 61 विधानसभा सीटों पर रविवार को वोट पड़ने हैं। यूपी विधानसभा चुनाव का पांचवा चरण कई दिग्गजों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है।
उत्तर प्रदेश में राजशाही भी लोकतंत्र की थाप पर नाचती हुई दिखाई देती है। प्रतापगढ़ में कुंडा रियासत के रघु राज प्रताप सिंह या ‘राजा भैया’ लगातार सातवीं जीत की उम्मीद में अपनी पारंपरिक सीट पर फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। वह साल 1993 से एक निर्दलीय विधायक के रूप में कुंडा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आस-पास के निर्वाचन क्षेत्रों पर भी उनका मजबूत प्रभाव है। साल 2017 में, पास की विधानसभा सीट बाबागंज को राजा भैया द्वारा समर्थित एक स्वतंत्र प्रतियोगी विनोद कुमार ने जीता था।
उत्तर प्रदेश के इस चुनावी मुकाबले में एक और बड़ा नाम अमेठी के राजा संजय सिंह का हैं। वह लंबे समय तक कांग्रेस का एक विश्वसनीय चेहरा रहे लेकिन कांग्रेस के इस पूर्व सांसद ने साल 2019 में पार्टी से इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गए। अब वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अमेठी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2017 में बीजेपी ने उनकी अलग हो चुकी पत्नी गरिमा सिंह को इसी सीट से मैदान में उतारा था। वह जीत भी गईं थी इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया गया है।