UP: पुलिस के थर्ड डिग्री टार्चर से युवक की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी बड़ा फर्जीवाड़ा

डीजीपी ने इस मामले में तत्कालीन एसपी और एडिशनल एसपी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया और न पुलिस वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत हुआ.

जालौन- उत्तर प्रदेश के जालौन में पुलिस के थर्ड डिग्री टार्चर से युवक की मौत हो गई थी.अब इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी फर्जीवाड़ा किया गया है.

बता दें कि डकोर थाना क्षेत्र के राज कुमार परिहार को पुलिस एक मामले में पूछताछ के लिए थाने लाई थी. बताया जा रहा है की तत्कालीन एसपी और बयान देने वाले इस एडिशनल एसपी के कहने पर परिहार को पुलिस ने उठाया था.

टार्चर इतना भयानक था की जब परिहार को अस्पताल लाया गया वो पहले ही मर चुका था और उसके शरीर पर जितने भी अंग दिख रहे थे उस पर टार्चर के ज़ख्म साफ साफ दिख रहे थे.लेकिन पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को पुलिस के मुताबिक ये नहीं दिखा.पीएम रिपोर्ट में पुलिस को क्लीन चिट मिल गई.

डीजीपी ने इस मामले में तत्कालीन एसपी और एडिशनल एसपी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया और न पुलिस वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत हुआ.इस घटना को लेकर जालौन और आसपास में लोगों में काफी आक्रोश है. डीजीपी मुख्यालय की शिथिलता के चलते मातहतों पर प्रभावी नियंत्रण भी नहीं है.

इस पूरे मामले में संदेह के घेरे में पुलिस वाले ही है.आखिर सवाल यहीं है कि केस तक दर्ज नहीं हुआ, और पुलिस को पीएम रिपोर्ट में बड़े ही आसानी से क्लिन चिट दे दी गई. मृतक के डेड बॉडी पर साफ-साफ पुलिस का उत्पीड़न साफ दिखाई दे रहा है. ऐसे में पुलिस अधिकारियों पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है.

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