
देश भर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। 10 मार्च को घोषित नतीजों में 5 में से 4 राज्यों में जनादेश भाजपा के पक्ष में रहा। हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा ने ऐतिहासिक सफलता दर्ज की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काम करने के तरीके पर प्रदेश की जनता ने मुहर लगा दी है। प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया कि जन प्रिय नेता पर व्यक्तिगत हमलों को जनता बर्दाश्त करने वाली नहीं है।
प्रदेश की योगी सरकार ने गांव-गरीब का भरपूर खयाल तो रखा ही साथ ही शहरी क्षेत्रों के भी भाजपा के पक्ष में महिलाओं और नवजवानों ने जबरदस्त मतदान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गवर्नेंस मॉडल लोगों को इस लिहाज से भी पसंद आ रहा है क्योंकि सरकारी योजनाओं चाहें, वह आवास हो, शौचालय हो, किसान सम्मान निधि हो, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना हो, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हो, ये सभी योजनाएं धरातल पर उतारी गई है।
भारत की 70 फीसदी आबादी गांव में निवास करती है। सबसे अहम बात यह रही कि भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों से जबरदस्त जनादेश मिला है। कहीं ना कहीं अखिलेश यादव ग्रामीण वोटर्स को साधने में नाकाम साबित हुए। इसका मुख्य कारण यह रहा कि सपा सरकार के समय जनता तक उनका गवर्नेंस मॉडल बेहतर तरीके से और पूरी क्षमता के साथ नहीं पहुंच सका था। इससे जनता में भीषण असंतोष था जो 2017 में तब साफ तौर पर तब देखा गया जब सपा सरकार को प्रदेश की राजनिति से जनता ने उखाड़ फेंका।
भाजपा के पक्ष में मिला प्रचंड जनमत इस बात का गवाह है कि यूपी का मतदाता अब जातियों के बंधन में बंधा नहीं रह गया है। अधिकांश मतदाता चुनाव में उन मुद्दों पर सरकार का चयन करते हैं जो उन तक अपनी हर एक परियोजना का सीधा और धरातल स्तर तक लाभ पहुंचा सके। इसके अलावा यह भी साफ साफ देखा जा सकता है कि जिन मुद्दों को बढ़ा चढ़ाकर उठाया गया उन्हें जनता ने शिरे से नकार दिया। चाहें वह लखीमपुर की घटना हो, किसान आंदोलन हो अथवा रोजगार और महंगाई को लेकर जनता में एक प्रपंच फैलाने की साजिश की गई। जनता ने बड़ी समझदारी के साथ मतदान किया और एक बार फिर भाजपा में अपना भविष्य सुरक्षित देखा।
आज ग्रामीण क्षेत्रों में 17 से 18 घंटे बिजली है, शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था है, लाखों लोगों को आवास मिला, शौचालय मिला, केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही अधिकांश योजनाओं का लाभ मिला, कोरोना जैसी महामारी मैं भी प्रदेश की योगी सरकार अव्वल रही, कुछ अपवादों को छोड़ दें तो कोरोना क्राइसिस से लेकर कानून व्यवस्था तक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नंबर 1 रही है।
इन सब के ऊपर सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि आज उत्तर प्रदेश का मतदाता जागरूक हो चुका है। इसी बात का उदाहरण साल 2017 में प्रदेश की सपा सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद जनता ने प्रस्तुत किया था और एक बार फिर 2022 का जनादेश बता रहा है कि मोदी-योगी की जोड़ी ने प्रदेश के राजनीति को परिमार्जित करके रख दिया है।