संजय श्रीनेत ने छात्रों के दबाव में पलटा फैसला, आयोग की अयोग्यता ने प्रयागराज में खड़ा किया बड़ा आंदोलन

संजय श्रीनेत की अनुभवहीनता और आयोग की आयोग्यता का परिणाम ये रहा कि चार दिन तक अभ्यर्थियों ने लंबे वक्त बाद प्रयागराज में एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के चेयरमैन संजय श्रीनेत ने यूपी सरकार की फजीहत करवा दी। सरकार के दखल के बाद अब आयोग अपने फैसले से पीछे हट गया है। बीते चार दिनों से अभ्यर्थियों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दबाव में आयोग को अपना फैसला बदलना पड़ा। अब आयोग ने पीएससी प्रारंभिक परीक्षा अब एक ही दिन, एक शिफ्ट में आयोजित कराने का फैसला लिया है।

परीक्षा के नियमों में किया बदलाव

आयोग के चेयरमैन संजय श्रीनेत ने UPPSC की प्रारंभिक परीक्षा घोषित होने के बाद अचानक ही 5 नवंबर को परीक्षा के नियमों में बदलाव करते हुए नई तारीखों का ऐलान कर दिया था। UPPSC की प्रारंभिक परीक्षा आयोग द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिसंबर महीने की 7 और 8 तारीख को दो दिनों में परीक्षा का आयोजन कराने का फैसला लिया गया था। साथ ही RO\ARO की परीक्षा को भी दो दिनों में कराने का फैसला किया था। वहीं इस फैसले को लेकर ही प्रयागराज में हजारों की संख्या में बीते चार दिनों से छात्र-छात्राएं आंदोलनरत हैं।

आयोग की अयोग्यता के कारण हुआ आंदोलन

संजय श्रीनेत की अनुभवहीनता और आयोग की आयोग्यता का परिणाम ये रहा कि चार दिन तक अभ्यर्थियों ने लंबे वक्त बाद प्रयागराज में एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया। आयोग के दबाव में आज पुलिस ने सुबह आंदोलन को दबाने के लिए धर पकड़ और गिरफ्तारी के साथ साथ बल प्रयोग करने का प्रयास भी किया। लेकिन छात्र छात्राओं की एकता और उनके जमावड़े के आगे पुलिस विफल रही। वहीं श्रीनेत ने कभी भी डेलीगेशन से बात नहीं की. न उनके साथ कोई वार्ता की। गुरूवार दोपहर तक अपने आदेश को सही बताने वाला आयोग लखनऊ में सीएम योगी की पहल के बाद पलट दिया।

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