Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के एटा जिले में से फर्जीवाड़े का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को चौंका दिया है. दरअसल एटा जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले 31 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। शासन की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
नौकरी से संबंधित सभी पत्रावली गायब
जांच में यह सामने आया कि इन 31 कर्मचारियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी दी गई थी। इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि इन कर्मचारियों की नौकरी से संबंधित सभी पत्रावली तक गायब पाई गई। कलेक्ट्रेट से कर्मचारियों की नौकरी से संबंधित सभी फाइलें गायब थीं, जब इस मामले की जांच SIT ने की तो अस पूरे मामले का खुलासा हुआ।
1997 में शुरू हुई थी जांच
हालांकि यह जांच आज कई सालों से हो रही थी। इसकी शिकायत 1997 में एक व्यक्ति ने की थी, जिसके बाद शासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच की और इस मामले पर कार्रवाई की।
वेतन और पेंशन की रिकवरी के आदेश
वही शासन ने इन 31 कर्मचारियों से उनका वेतन और पेंशन रिकवर करने के आदेश भी दिए हैं। इस कार्रवाई में 15 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि 11 कर्मचारी वर्तमान में कासगंज में तैनात हैं।
कर्मचारियों में मचा हड़कंप
इस बड़े कदम से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है और जिलेभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। शासन की इस कड़ी कार्रवाई को लेकर कर्मचारियों के बीच चिंता और असमंजस की स्थिति है।