उत्तरकाशी: CM पुष्कर धामी ने दीदी भुली महोत्सव का किया शुभारंभ, रामलीला मैदान तक किया रोड शो…

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को समर्पित 'दीदी-भुली महोत्सव' में प्रतिभाग करने मुख्यालय उत्तरकाशी पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रोड शो किया। सीएम धामी ने पेट्रोल पंप बस स्टैंड से भटवाड़ी रोड, भैरव चौक, कोर्ट रोड, हनुमान चौक होते हुए रामलीला मैदान तक रोड शो किया।

उत्तरकाशी. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को समर्पित ‘दीदी-भुली महोत्सव’ में प्रतिभाग करने मुख्यालय उत्तरकाशी पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रोड शो किया। सीएम धामी ने पेट्रोल पंप बस स्टैंड से भटवाड़ी रोड, भैरव चौक, कोर्ट रोड, हनुमान चौक होते हुए रामलीला मैदान तक रोड शो किया।

मुख्यमंत्री ने 240 करोड़ से अधिक लागत की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। जिनमे उत्तरकाशी जिले के विकास के लिये 57 करोड़ 38 लाख की लागत की 24 योजनाओं का शिलान्यास करने के साथ ही 45 करोड़ 37 लाख की लागत की  38 योजना का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यूजेवीएन लिमिटेड के तिलोथ विद्युतगृह के नवीनीकरण, उच्चीकरण एवं पुनरोद्धार (आर.एम.यू.) कार्यों का लोकार्पण भी किया गया।
मुख्यमंत्री ने शक्ति माता और बाबा विश्वनाथ मंदिर में किए दर्शन.दीदी भुली महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में माँ शक्ति और बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने दोनों मंदिरों में पूजा अर्चना कर राज्य की खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीदी भुली महोत्सव में शिरकत कर डुंडा और बगोरी क्षेत्र के पारंपरिक ऊन की कताई करने वाले चरखा को चलाया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने करीब ऊन की कताई कर पारंपरिक ऊनी वस्त्रों को बढ़ावा देने का संदेश दिया। साथ ही डुंडा और बगोरी से पहुंची महिलाओं को चरखा चलाने और ऊन कताई की जानकारी ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीदी भुली महोत्सव में वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट में हाल ही में देश में दूसरे स्थान का सम्मान पाने वाले लाल धान की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लाल धान का उत्पादन करनी वाली महिलाओं ने मुख्यमंत्री को लाल धान की बाली भेंट की। मुख्यमंत्री ने महिलाओं के साथ लाल धान की कुटाई पारंपरिक ओखली यानी उलख्यारे में गिंज्याली (मूसल) थामकर की है। साथ ही लाल धान के चूड़ा बनाने की जानकारी ली।

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