Basant Panchami: महाकुंभ में आस्था की लहर… अखाड़ों के शाही स्नान का सिलसिला जारी, जानें कब और कौन से अखाड़ें करेंगे स्नान

बसंत पंचमी के इस शुभ अवसर पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। संगम के तट पर आस्था की लहरें उमड़ रही हैं। संत-महंतों के साथ..

Basant Panchami: महाकुंभ 2025 में बसंत पंचमी के पावन अवसर पर तीसरा ‘शाही स्नान’ जारी है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। वहीं, अखाड़ों का पारंपरिक ‘शाही स्नान’ भव्यता के साथ संपन्न हो रहा है। सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजामों के बीच पहले स्नान का शुभारंभ सुबह 5 बजे हुआ, जब महानिर्वाणी अखाड़े ने सबसे पहले संगम में स्नान किया। इसके बाद अन्य प्रमुख अखाड़ों का समय के हिसाब से स्नान जारी है।

अखाड़ों के शाही स्नान का क्रम…..

🔸 सुबह 5:00 बजे: महानिर्वाणी अखाड़ा ने पहला ‘शाही स्नान’ किया।
🔸 सुबह 5:00 बजे: अटल अखाड़ा ने भी संगम में ‘शाही स्नान’ किया।
🔸 सुबह 5:50 बजे: निरंजनी और आनंद अखाड़ा ने डुबकी लगाई।
🔸 सुबह 6:45 बजे: जूना अखाड़ा, आवाहन अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा का स्नान करेगा।
🔸 सुबह 9:25 बजे: निर्वाणी अनि अखाड़ा ने ‘शाही स्नान’ करेगा।
🔸 सुबह 10:05 बजे: दिगंबर अनि अखाड़ा ने पुण्य स्नान करेगा।
🔸 सुबह 11:05 बजे: निर्मोही अनि अखाड़ा का स्नान होगा।
🔸 दोपहर 12:00 बजे: नया उदासीन अखाड़े ने संगम में डुबकी लगाएंगे।
🔸 दोपहर 1:05 बजे: बड़ा उदासीन अखाड़े का शाही स्नान होगा।
🔸 दोपहर 2:25 बजे: निर्मल अखाड़ा ने ‘शाही स्नान’ करेगा।

श्रद्धालुओं का सैलाब, प्रशासन मुस्तैद

बसंत पंचमी के इस शुभ अवसर पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। संगम के तट पर आस्था की लहरें उमड़ रही हैं। संत-महंतों के साथ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इस पुण्य स्नान का लाभ उठा रही है। स्नान के दौरान अखाड़ों के नागा संन्यासियों और महंतों की भव्य पेशवाई भी निकाली गई, जिससे मेला क्षेत्र आध्यात्मिक माहौल में डूब गया।

सुरक्षा व्यवस्था के सख्त इंतजाम

तीसरे ‘शाही स्नान’ को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। संगम क्षेत्र में ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी के जरिए निगरानी की जा रही है। पुलिस बल, पीएसी, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। स्नान घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष बैरिकेडिंग की गई है, जिससे स्नान सुगमता से संपन्न हो सके।

तीसरे शाही स्नान का महत्व

बसंत पंचमी का दिन देवी सरस्वती की पूजा और ज्ञान, विद्या एवं कला की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। इस अवसर पर संगम में स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और समस्त कष्टों का नाश होता है। महाकुंभ के इस शुभ अवसर पर संतों और श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है।

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