क्या है संविधान का अनुच्छेद 142 जिसके तहत सपा नेता आजम खां को मिली अंतरिम जमानत? जानें सब कुछ….

बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 142 (1) का प्रयोग करते हुए किसी आरोपी को अंतरिम जमानत. अभी बीते दिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के मामले में भी शीर्ष अदालत ने इसी अनुच्छेद के तहत प्राप्त विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए दोषी ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दे दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के कोतवाली थाने से जुड़े धोखाधड़ी के एक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी. हालांकि कोर्ट ने सपा नेता से नियमित जमानत के लिए आवेदन करने को कहा है.

मामले में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने तमाम तथ्यों के मद्देनजर आजम खान को राहत देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल किया.

शीर्ष अदालत ने कहा कि अंतरिम जमानत तब तक चलेगी जब तक अदालत नियमित जमानत की अर्जी पर फैसला नहीं ले लेती. मामले में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा, “अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग करने के लिए यह एक उपयुक्त मामला है.” लिहाजा नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्ति का उपयोग करते हुए सपा नेता आजम खान को अंतरिम जमानत दी.

दरअसल, भारतीय संविधान के भाग 5 (संघ) के अध्याय 4 (संघ की न्यायपालिका) के अंतर्गत अनुच्छेद 142 सुप्रीम कोर्ट को विशेषाधिकार देता है. इसके तहत संबंधित मामले में जब तक कोई दूसरा कानून लागू नहीं होता तब तक शीर्ष अदालत का फैसला सर्वोपरि माना जाता है.

अनुच्छेद 142 के दो भाग हैं. अनुच्छेद 142 (1) यह स्पष्ट करता है कि किसी मामले में फैसला देते वक्त लगे कि मौजूदा कानून और कानूनी प्रक्रिया के तहत शीर्ष अदालत पूर्ण न्याय नहीं कर सकता है तो स्थापित कानूनों से हटकर भी आदेश पारित कर सकता है. अनुच्छेद 142 (1) के तहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किया गया कोई आदेश तब तक लागू रहता है जब तक कि संसद द्वारा इस संबंध में कोई नया कानून ना बना दिया जाए.

आजम खां के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट को ऐसा ही लगा कि मौजूदा कानून और कानूनी प्रक्रिया के तहत वह पूर्ण न्याय नहीं कर सकता है लिहाजा इसी अनुच्छेद का प्रयोग करते हुए सपा नेता आजम खान को अंतरिम जमानत दी.

बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 142 (1) का प्रयोग करते हुए किसी आरोपी को अंतरिम जमानत. अभी बीते दिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के मामले में भी शीर्ष अदालत ने इसी अनुच्छेद के तहत प्राप्त विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए दोषी ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दे दिया था.

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को उत्तर प्रदेश के कोतवाली थाने से जुड़े एक मामले में आजम खान की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करने से जुड़े एक मामले में आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी थी.

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