धरती पुत्र पिछले कई दिनों से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल मे भर्ती थे। रविवार 2 अक्टूबर का अचानक उनकी हालत काफी खराब हो गई जिसके बाद उनको आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया. जहां पर वरिष्ठ चिकित्सकों की देख रेख में उनका इलाज चला। आज उन्होंने वही पर आखिरी सांस ली. आपको बता दे कि मुलायम सिंह यादव के फेफड़े,किडनी में समस्या थी।
मुलायम सिंह यादव को धरती पुत्र के तौर पर जाना जाता है। मुलायम सिंह जब से राजनीति से जुड़े वो जमीन से जुड़े रहे। सपा के संस्थापक और समाजवादी पार्टी को अर्श तक ले जाने वाले मुलायम सिंह यादव उन नेताओं में से एक रहे है जो लोगो के बीच काफी लोकप्रिय रहे। माना जाता है कि जब नेता जी केंद्र में मंत्री के तौर पर काम करते थे उस वक्त या फिर बतौर उत्तर प्रदेश के सीएम के तौर उनकी साख सबसे अलग रही।
धरती पुत्र के तौर पर जाने जाने वाले इस नेता की बात कोई नहीं काटता था। यूपी विधान सभा मे 2012 का विजय पटाखा लहराने में धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव की ही मेहनत थी। उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव को चुना और सभी विधायकों ने इसे एक कहे में स्वीकार कर लिया। 2019 के सामान्य निर्वाचन से पूर्व पार्टी और परिवार में काफी अस्थिरता देखने को मिली थी जिसको लेकर कोई भी प्रतिक्रिया उनकी सामने नही आई थी।
मुलायम सिंह यादव राजनीति में अच्छी बड़ी और और प्रतिष्टित पकड़ रखने वालों में से एक थे। वर्तमान में वो गृहजनपद मैनपुरी से सांसद थे। अपने पूरे जीवन काल मे लगभग जितने भी चुनाव उन्होंने लड़ा वो जीते और प्रतिद्वंद्वी को अच्छे मार्जिन के साथ हराया। नेता जी 4 बार प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे, वहीं एक बार देश के केंद्रीय रक्षा मंत्री के तौर पर भी रहे। 2004 से 2007 तक वो पूर्ण बहुत की सपा सरकार में यूपी के मुख्यमंत्री भी रहे।
मुलायम सिंह यादव पिछले लंबे समय से काफी बीमार चल रहे थे। उनका इलाज पहले लखनऊ के मेदांता में चला जिसके बाद उनको गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में बहरती किया गया। जहां पर उनका उपचार चल रहा था। 2 अक्टूबर को अचानक उनकी तबियत खराब हुई और उनको आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया। इसके बाद उनको क्रिटिकल केअर यूनिट में शिफ्ट किया गया। जहां पर वरिष्ठ डॉक्टरों की देख रेख में उनका उपचार चल रहा था। हालांकि उनकी हालत में सुधार के बाद उनको वापस सीसीयू से आईसीयू में शिफ्ट किया गया।