जमीन को दबंगों के कब्जे से खाली नहीं करा सका प्रशासन तो पानी की टंकी पर चढ़े पिता-पुत्र, दे डाली आत्महत्या की धमकी

दरअसल, उनकी भूमिधरी की जमीन पर पिछले कई सालों से गांव के ही कुछ दबंगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया था. प्रशासन उनकी भूमिधरी की जमीन खाली कराने में पस्त हो चूका था

यूपी के शाहजहांपुर से शनिवार को प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली को उजागर करने वाली खबर सामने आई. दरअसल, मामला शाहजहांपुर के पुवायां तहसील परिसर का है. शनिवार को पुवायां तहसील परिसर में स्थित पानी की टंकी पर दो युवक चढ़ गए और कूदकर जान दे देने की धमकी देने लगे.

जानकारी करने पर पता चला कि वो दोनों युवक पिता-पुत्र थे और वो नाहक ही पानी की टंकी पर नहीं चढ़ गए थे. दरअसल, उनकी भूमिधरी की जमीन पर पिछले कई सालों से गांव के ही कुछ दबंगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया था. प्रशासन उनकी भूमिधरी की जमीन खाली कराने में पस्त हो चूका था, जिसके कारण वो हताश और निराश होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाने को विवश हो चुके थे.

बता दें कि शाहजहांपुर के पुवायां तहसील अंतर्गत ग्राम सिधौली निवासी महाउ और महेश नामक दो युवकों की भूमि पर गांव के ही दबंगों ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया था. भूमि की पैमाइश को लेकर सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी कर लेने के बाद भी स्थानीय प्रशासन के अधिकारी दबंगों के चंगुल से पीड़ित भूमिधरों की जमीन को कब्जामुक्त नहीं करा सके थे.

अंततः निराश और हताश होकर पिता-पुत्र ने तहसील में ही जान दे देने की सोच ली और आत्महत्या करने के उद्देश्य से तहसील परिसर में स्थित पानी की टंकी पर चढ़ कर आत्महत्या करने की धमकी देने लगे. उनका कहना था कि जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद भी राजस्व विभाग के अधिकारी उनकी पुस्तैनी भूमिधरी जमीन कब्जामुक्त नहीं करा सके इसलिए वो आत्महत्या करने को विवस हैं.

गौरतलब है कि प्रायः जमीन पर कब्जा संबंधी मामलों को लेकर प्रशासन का यह रवैया देखने को मिलता है. प्रदेश की तमाम तहसीलों में भूमिधरी की जमीन पर कब्जे की लोकसमस्या का निराकरण कराने में प्रशासन के छक्के छूट जातें हैं. साथ ही कब्जा मुक्त कराने की कागजी प्रक्रिया भी जटिल होने के कारण ऐसे मामले तहसीलों में सालो-साल चलते रहते हैं और पीड़ित व्यक्ति अपनी उम्र तहसीलों और जिलाधिकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने में ही गुजार देता है.

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