झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की तरह कर्नाटक में भी एक रानी थी जिन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके. छोटी सी सेना होने के बावजूद उन्होंने अंग्रेजों की विशाल सेना से लोहा लिया और हराया भी. रानी चेन्नम्मा को कर्नाटक की रानी लक्ष्मीबाई कहा जाता है. उनकी बहादुरी और बलिदान को यह देश हमेशा याद रखेगा।
रानी चेन्नम्मा की तरह हमारे देश में ऐसी कई वीरांगनाएं हुई हैं, जिन्होंने अपने पराक्रम से देश का मान बढ़ाया है. युद्ध का क्षेत्र हो या साहित्य का सृजन, हर क्षेत्र में भारतीय महिलाएं मिसाल बनकर सामने आई हैं. ऐसी ही महान महिलाओं के सम्मान में शनिवार को नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में तीन दिवसीय वर्कशॉप की शुरुआत हुई. इस कार्यक्रम को खास बनाने के लिए दीप प्रज्वलन भी महिला कलाकारों से ही करवाया गया।
75 मीटर तक बनेंगे चित्र
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे एनजीएमए ने इस वर्कशॉप में सिर्फ महिला कलाकारों को ही भाग लेने का मौका दिया है. यह महिला कलाकार तीन दिनों तक 75 मीटर स्क्रॉल पर विभिन्न क्षेत्रों में देश का मान बढ़ाने वाली महान महिलाओं के चित्र बनाएंगी. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस यानी 8 मार्च को यह स्क्रॉल बनकर तैयार हो जाएगा।