केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के पराली जाने पर दंडित ना किये जाने वाली मांग पर बोलते हुए शनिवार को कहा कि किसानों द्वारा पराली जलाने पर उनके खिलाफ आपराधिक आरोप नहीं लगाए जाएंगे। इसके अलावा यह भी घोषणा की कि सरकार किसानों की सभी मांगे मान रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान के बाद किसान संगठनों ने संसद तक किये जाने वाले नियोजित मार्च को स्थगित कर दिया और सरकार से रुकी हुई बातचीत प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए कहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री के इस फैसले के बाद सरकार और किसान संगठनों के बीच सुलह की उम्मीद जगी है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फसल विविधीकरण, शून्य बजट खेती, और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है।
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि कृषि कानून निरस्तीकरण विधेयक, 2021 संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। बता दें कि 19 नवंबर को, पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि केंद्र ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। इस घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री ने तीन कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से अपना आंदोलन समाप्त करने की अपील की थी।