RBI ने इस धनतेरस क्यों मंगवाया 102 टन सोना, ये है वजह

इस धनतेरस RBI ने सोने की एक नई खेप के बारे में बताया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड के भंडार से 102 टन सोना भारत के भीतर सुरक्षित सुविधाओं में स्थानांतरित किया गया है।

इस धनतेरस RBI ने सोने की एक नई खेप के बारे में बताया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड के भंडार से 102 टन सोना भारत के भीतर सुरक्षित सुविधाओं में स्थानांतरित किया गया है।

सितंबर के आखिर तक, RBI के पास कुल 855 टन सोना था, जिसमें से 510.5 टन अब भारत में ही है। ये कदम रणनीति में बदलाव को दर्शाता है, जो बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों से प्रभावित है, जिसने भारत के केंद्रीय बैंक को अपने विदेशी सोने के भंडार की सुरक्षा का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित किया है।

भारत ने सितंबर 2022 से अब तक 214 टन सोना वापस लाया है, जो आरबीआई और सरकार की संपत्ति को घर के करीब लाने की प्राथमिकता को दर्शाता है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों के बीच इन भंडारों को घरेलू स्तर पर रखने से सुरक्षा की एक परत जुड़ जाती है। बता दें की गोपनीयता के साथ, समर्पित विमान और उन्नत सुरक्षा उपायों का उपयोग करके निष्पादित और कॉन्फिडेंशियल जानकारी की सुरक्षा को लेकर सरकार की चिंताओं को दर्शाती है।

इससे पहले मई में, यह बताया गया था कि भारत पहले ही यूके से 100 टन सोना ले जा चुका है, जो 1990 के दशक के बाद से सबसे महत्वपूर्ण स्वर्ण प्रत्यावर्तन था। उस समय, भारत ने अपने सोने के भंडार को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, खासकर जब यह ध्यान में रखा जाए कि पहले संकट के समय में सोने को गिरवी रखना पड़ा था। वर्तमान में, भारत के 324 टन सोने का भंडार बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के संरक्षण में है।

बैंक ऑफ इंग्लैंड, जो कि 1697 से वैश्विक केंद्रीय बैंकों के लिए कीमती धातुओं का भंडारण कर रहा है। हालांकि, इस साल इंग्लैंड से सोने की और खेप बाहर जाने की संभावना नहीं है, जिससे भारत को अपनी सुरक्षित संपत्ति के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।

भारत अपने सोने की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए भविष्य में आवश्यकतानुसार उसे वापस लाने की योजना भी बना रहा है। इससे भारत की वित्तीय स्थिरता में काफी सुधार होगा और उसे वैश्विक बाजारों में और अधिक मजबूती मिलेगी।

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