विश्व टीबी दिवस आज, 2025 तक टीबी से मुक्ति का लक्ष्य हासिल कर पाएगा देश !

आज विश्व टीबी दिवस है. प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को टीबी दिवस के रूप में मनाया जाता है, विश्व की 10 सर्वाधिक बिमारियों में टीबी का भी स्थान है. टीबी का पूरा नाम ट्यूबरक्लोसिस है. टीबी जानलेवा बीमारी है और हर वर्ष इस बीमारी के कारण करीब 15 लाख लोग अपनी जान से हाथ धो देते है.

Desk: आज विश्व टीबी दिवस है. प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को टीबी दिवस के रूप में मनाया जाता है, विश्व की 10 सर्वाधिक बिमारियों में टीबी का भी स्थान है. टीबी का पूरा नाम ट्यूबरक्लोसिस है. टीबी जानलेवा बीमारी है और हर वर्ष इस बीमारी के कारण करीब 15 लाख लोग अपनी जान से हाथ धो देते है. इसी के बारे में लोगो को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को टीबी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. टीबी भी एक संक्रामक बीमारी है जो ट्यूबरक्‍युलोसिस बैक्टीरिया की वजह से फैलती है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा फेफड़ा प्रभावित होता है. कई बार टीबी का असर गले, ब्रेन, यूट्रस, मुंह, लिवर, किडनी तक भी पहुंच जाता है. हालाँकि फेफड़े की टीबी का मामला अमूमन सामने आता है. टीबी को इसलिए खतरनाक माना जाता है क्योंकि ये शरीर के जिस हिस्से में होता है उसे खराब कर देता है. इसलिए जरूरी है कि समय में इसके लक्षणों को पहचान कर इसका इलाज किया जा सके.


टीबी को हलके में लेना बेहद गंभीर साबित हो सकता है. भारत में टीबी को पूरी तरीके से समाप्त करने की पहल है चल रही है. जिसके लिए 2025 की सीमा खींची गयी है. आने वाले तीन वर्षों में ही सिर्फ इससे निपटने के लिए सरकार ने तयारी की है जिसके लिए व्यापक स्तर पर कई कार्यक्रम चलाये जा रहें हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2021 से पता चला है कि भारत में महामारी के दौरान टीबी के मामलों की रिपोर्टिंग में वैश्विक गिरावट का 41 प्रतिशत हिस्सा है. ऐसा कहा जाता है कि डॉ. रॉबर्ट कोच ने 24 मार्च 1982 को टीबी के बैक्टीरिया की खोज की थी, इस कारण हर साल 24 मार्च के दिन ही वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है. हर साल इसकी थीम भी बदलती है. साल 2022 में विश्व तपेदिक दिवस की थीम ‘इनवेस्ट टू एंड टीबी सेव लाइव्स’ (Invest to End TB. Save Lives) है.

अगर समय रहते टीबी के लक्षणों को पहचान लिया जाए तो बहुत संभव है कि गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है, आइये आपको बताते हैं कि किन लक्षणों के शरीर के बाद हमे टीबी की जांच करा लेनी चाहिए.

कई हफ्तों तक खांसी


अगर लगातार 2 हफ़्तों से अधिक समय तक कोई व्यक्ति खांसी से जूझता है तो सतर्कता के साथ उसे अपनी जांच करानी चाहिए, हालाँकि कभी कभी खांसी लम्बे समय तक ख़त्म नहीं होती इसे खुद से टीबी मानने की गलती न करते हुए हमें डॉक्टर से परामर्श लेने की जरुरत होती है.

रात में पसीना आना


विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रात म लगातार हमे पसीना आ रहा है तो संभव कि टीबी के लक्षणों में से एक हो सकता है.

बुखार

बुखार का भी लगातार आना टीबी के लक्षणों में से एक हो सकता है,यदि लम्बे समय तक बुखार से निजात नहीं मिल रही है तो संभव है कि टीबी के लक्षणों में से एक हो सकता है, समय रहते चिकित्स्कीय परामर्श लेने से टीबी जैसे गंभीर समस्या से बचा जा सकता है.


एक्स-रे कराने पर फेफड़ों में दाग-छिद्र होना

अगर अपने कभी एक्स रे कराया है और अगर फेफड़े में दाग या छिद्र नज़र आ रहा है तो सम्भव है कि टीबी हो, में अपने डॉक्टर से तुरंत कंसल्ट करते हुए परामर्श लें.

थकावट

थोड़े काम करने बाद ही अगर थकावट मासूस हो रही है, इसको लेकर तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.

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