
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के सरूरपुर कलां गांव ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस छोटे से गांव से 37 युवाओं ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। इस सफलता के पीछे आईपीएस नीरज कुमार जादौन की प्रेरणा और उनकी बनाई हुई लाइब्रेरी की अहम भूमिका रही है।
लाइब्रेरी बनी सफलता की सीढ़ी
बागपत जिले के पूर्व एसपी और वर्तमान में हरदोई में तैनात आईपीएस नीरज कुमार जादौन ने 2022 में सरूरपुर गांव के युवाओं को शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने न केवल उन्हें कड़ी मेहनत करने की सलाह दी, बल्कि गांव में एक लाइब्रेरी स्थापित करने की भी पहल की। गांव के ही एक युवक ने उनकी प्रेरणा से लाइब्रेरी बनाई, जहां किताबों की व्यवस्था खुद नीरज जादौन ने की। इस लाइब्रेरी का उद्घाटन करते समय उन्होंने युवाओं को बताया कि कैसे वह खुद मेहनत और लगन से आईपीएस बने। उनकी इसी प्रेरणा से गांव के युवा जागरूक हुए और लाइब्रेरी में पढ़ाई शुरू की, जिसका परिणाम आज सबके सामने है।
संघर्ष से सफलता तक का सफर
दीपा की कहानी:
सरूरपुर गांव के ऑटो ड्राइवर वेदपाल की बेटी दीपा ने यूपी पुलिस में सफलता हासिल की है। दीपा ने बताया कि उसके पिता ने दिन-रात मेहनत करके उसकी पढ़ाई करवाई। दीपा ने कहा, “हमारा परिवार बहुत गरीब है, लेकिन अब मैं अपने पिता को दोबारा ऑटो चलाने नहीं दूंगी। यह मेरी जिम्मेदारी होगी कि मैं अपने परिवार को हर वह खुशी दूं जिसकी उन्हें जरूरत है।”
शुभम की कहानी:
इसी गांव के शुभम का भी यूपी पुलिस में चयन हुआ है। शुभम ने निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। शुभम के पिता अजयवीर गांव में मजदूरी करते हैं। शुभम की मां ने भावुक होकर कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा पुलिस में जाएगा। वह चार-पांच मंजिला इमारतों पर तसला उठाकर मजदूरी करने वाले पिता का बेटा है, लेकिन उसकी मेहनत रंग लाई।”
कोमल की कहानी:
गांव के किसान विक्रम शर्मा की बेटी कोमल का भी यूपी पुलिस में चयन हुआ है। कोमल का सपना ASI या PCS बनने का था। उन्होंने कोविड के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई की और बिना किसी कोचिंग के परीक्षा पास की। कोमल कहती हैं, “अब मुझे अपने सपनों को और ऊंचा उड़ान देना है। मैं ASI और PCS की तैयारी करूंगी।”
लाइब्रेरी से निकले भविष्य के सितारे
गांव की लाइब्रेरी संचालित करने वाले युवक ने बताया कि इस लाइब्रेरी से पढ़कर 37 युवाओं ने यूपी पुलिस में सफलता हासिल की है। यहां पढ़ने वाले अधिकतर युवा गरीब परिवारों से हैं—किसी के पिता ऑटो ड्राइवर हैं, कोई ट्रक ड्राइवर है, तो किसी के पिता मजदूर। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी इस लाइब्रेरी से पढ़ने वाले कई युवा सरकारी सेवाओं में अपना नाम रोशन करेंगे।
आईपीएस नीरज जादौन का संदेश
आईपीएस नीरज जादौन ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि “अगर आप मेहनत और लगन से पढ़ाई करेंगे, तो सफलता निश्चित है। मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। इस गांव के युवाओं ने यह साबित कर दिया है कि अगर सही मार्गदर्शन मिले तो किसी भी सपने को पूरा किया जा सकता है।”
सरूरपुर गांव की इस प्रेरणादायक कहानी ने यह दिखा दिया कि एक सही मार्गदर्शक और शिक्षा का सही वातावरण किसी भी गांव को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। अब यह गांव यूपी पुलिस के 37 नए सितारों की चमक से रोशन हो चुका है।