मछलीशहर में कौन पड़ रहा भारी? सपा-BJP में कौन जमाएगा अपनी पैठ!

इसके अलावा यहां के जातीय आकंडों की बात करें तो, पिछड़ों और दलितों की संख्या मछली शहर लोकसभा सीट पर सबसे अधिक है

डिजिटल स्टोरी- मिशन-24 में 5 चरणों का सियासी संग्राम हो चुका है. अब 6वें चरण की बारी है.6वें चरण के भी चुनावी मुकाबले में कई दिग्गज अपनी किस्तम चुनावी अखाड़े में आजमाते हुए दिखाई देंगे.

छठे चरण में उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. जिनके लिए 162 उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं. जिनकी किस्मत का फैसला होगा.

बता दें कि 6वें चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में मतदान होगा.

अब बात करें 6 चरण की सबसे चर्चित सीट मछलीशहर की…

मछलीशहर जौनपुर के प्राचीन शहरों में से एक है…जिसके तार बौद्ध धर्म से जुड़े हैं. यह शहर जौनपुर का ऐतिहासिक और व्यापारिक स्थान है.बताया जाता है कि इसे बौद्ध काल में ‘मच्छिका खंड’ के नाम से जाना जाता था .यह स्थान गौतम बुद्ध को बहुत प्रिय था.

बता दें कि 24 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने सांसद बीपी सरोज पर भरोसा जताया है. 2019 में बसपा के त्रिभुवन राम से वह मात्र 181 वोटों से जीते थे.सपा तीन बार के सांसद रहे तूफानी सरोज की बेटी और सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रिया सरोज के भरोसे भाजपा का विजय रथ रोकने की कोशिश में है. वहीं बसपा के टिकट से कृपाशंकर सरोज चुनाव मैदान में हैं. जानकारों के अनुसार यहां भी सपा व भाजपा के ही बीच कांटे के मुकाबले के आसार दिख रहे हैं.

इसके अलावा यहां के जातीय आकंडों की बात करें तो, पिछड़ों और दलितों की संख्या मछली शहर लोकसभा सीट पर सबसे अधिक है, इतना की ये किसी भी उम्मीदवार की जीत हार को तय कर सकते हैं. पिछड़ों में यादवों की संख्या बाकी की जातियों से बहुत अधिक है. मछलीशहर लोकसभा सीट कुल पांच विधानसभा सीट को मिलाकर बनाया गया है.

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