पीलीभीत जिला पंचायत में करोड़ों का घोटाला! सरकारी बजट से निजी फायदे की खुली लूट

यदि शासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देने वाला होगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि शासन इस घोटाले पर क्या कार्यवाही करता है ।

पीलीभीत: जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ .दलजीत गुरभाग सिंह और AMA हरमीक सिंह पर सरकारी बजट का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगे हैं। सरकारी पैसे से निजी संपत्तियों के विकास, परिवार के सदस्यों के लिए सुविधाओं और निजी क्षेत्र के जरिए करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों ने शासन से इसकी शिकायत की है।

सरकारी बजट से बनी निजी सड़कें!

शिकायतकर्ता ने शिकायत पत्र में आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने निजी कॉलेज में सरकार के लगभग 18 लाख के बजट से आरसीसी रोड डलवाया, जबकि आम जनता टूटी-फूटी सड़कों पर चलने को मजबूर है। ग्रामीण इलाकों की उपेक्षा कर निजी संपत्ति के लिए सरकारी धन का उपयोग खुलेआम किया गया है।

निजी कृषि फार्म पर नाला निर्माण, सरकारी फंड का दुरुपयोग

इतना ही नहीं, अध्यक्ष ने अपने निजी कृषि फार्म के लिए भी लगभग 27 लाख के सरकारी बजट से नाले का निर्माण करवाया। एक तरफ आम किसान सिंचाई की सुविधा के लिए सरकारी मदद का इंतजार करता है, वहीं दूसरी तरफ सत्ता में बैठे लोग खुद के फायदे के लिए सरकारी योजनाओं का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकारी पैसे से खुद के खेतो के लिए लाखों रुपए की लागत से नाला निर्माण करा रहे है ।

भाई की गाड़ी दिखाकर लाखों का बंदरबाट

आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने पति के अपने भाई की निजी गाड़ी को नियमों को दरकिनार कर “ऑफिस अटैच” दिखाकर 70 हजार प्रति महीने निकाला गया और इस तरह से लगभग 24 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। सरकारी दस्तावेजों में इसे पंचायत की गाड़ी के रूप में दिखाया गया, सूत्रों की माने तो यह वाहन निजी उपयोग में ज्यादा रहती है ।

शासन से शिकायत, लेकिन कार्रवाई का इंतजार

शिकायतकर्ता ने इस घोटाले की शिकायत शासन से की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि शासन स्तर से इसकी उच्चस्तरीय जांच हो रही लेकिन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं हो रही है ।

सत्ताधारी डॉ. दलजीत गुरभाग सिंह की रसूख और हनक!

जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. दलजीत गुरभाग सिंह सत्ताधारी अध्यक्ष है जिससे प्रशासन से लेकर सरकार में बैठे मंत्रियों तक उनकी खासा अच्छी पैड मानी जाती है और इसी रसूख और हनक के चलते अध्यक्ष ने घोटाला करने में शायद कोई चूक नहीं की है, सत्ता से तालुक रखने वाले अध्यक्ष पर सरकारी पैसे के घोटाले में आखिरकार क्या कोई कार्यवाही होगी ? या सत्ता का रसूख और हनक इनके काम आयेगी ।

बड़ा सवाल: क्या होगा भ्रष्टाचारियों पर कोई एक्शन?

पीलीभीत जिला पंचायत का यह मामला सरकारी धन की खुली लूट का बड़ा उदाहरण बन रहा है। यदि शासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देने वाला होगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि शासन इस घोटाले पर क्या कार्यवाही करता है ।

रिपोर्ट-हरिपाल

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