‘Modi सरकार पर है किसका दबाव…?’; चीन सीमा विवाद पर प्रियंका ने मोदी सरकार से पूछे सवाल…

ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने मोदी सरकार को इस मामले में घेरा हो। हाल ही में खरगे ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा था।

चीनी सेना की तरफ से पूर्वी लद्दाख में हो रहे निर्माण को लेकर कांग्रेस नेता  प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया है। सोमवार यानी 8 जुलाई को प्रियंका ने इस मामले पर सवाल खड़ा करते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सरकार से सवाल  पूछते हुए कहा की, ‘भारत की सीमा सुरक्षा और अखंडता को लेकर मोदी सरकार किस दबाव में इतने समझौते कर रही है?

दरअसल, सोमवार को अपने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए चीन के साथ सीमा पर स्थिति को लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार से कई सवाल पूछे। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि, “चीन ने भारतीय क्षेत्र में अपने गांव बसा लिए, बंकर भी बना रहा है। भारत की लगभग 4000 Sq Km जमीन पर कब्जा किया। अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों के नाम बदलकर सूची जारी की। LAC पर हमारे 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 हम खो चुके हैं। ये सारी बातें मीडिया कह रहा है और ये सूचनाएं सार्वजनिक रूप से मौजूद हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अभी भी कह रहे हैं कि “न कोई घुसा था, न कोई घुसा है।” मोदी सरकार किस दबाव में भारत की सीमा सुरक्षा और अखंडता को लेकर इतने समझौते कर रही है?”

गौरतलब है कि ये कोई पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने देश के सीमा सुरक्षा और चीन के अतिक्रमण को लेकर मोदी सरकार पर सवाल खड़ा किया हो। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि एलएसी पर यथास्थिति न बनाए रखने के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है। हमने 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) खो दिए हैं, जिनमें डेपसांग प्लेन्स, डेमचोक और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र के पॉइंट शामिल हैं।”

आखिर किस रिपोर्ट को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है कांग्रेस

मिली जानकारी के अनुसार 16 मई को वॉशिंगटन थिंक टैंक सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज (CSIS) के तरफ से एक रिपोर्ट जारी किया गया था। जिसके तहत, “चीन हिमालय में भारत के साथ विवादित सीमा पर सैकड़ों गांवों का निर्माण करने में लगा हुआ है। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने 2022 और 2024 की सैटेलाइट तस्वीरें भी जारी किया था। 

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