अपराधियों को नहीं अधिकारियों का खौफ, फतेहपुर डीएम का फर्जी आदेश दिखाकर ठग लिए इतने लाख

फ्राड करने वाले इन दिनों नए नए तरीकों से घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अपराधियों को ने अधिकारियों का डर रहा न नेताओं का। ऐसा ही एक ....

फ्राड करने वाले इन दिनों नए नए तरीकों से घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अपराधियों को ने अधिकारियों का डर रहा न नेताओं का। ऐसा ही एक मामला और सामने आया है। कुछ लोगों ने फतेहपुर जिलाधिकारी का फर्जी आदेश पत्र दिखाकर लखनऊ के एक व्यक्ति से खनन में निवेश करने के बहाने 71.50 लाख रुपये ठग लिए। घटना को अंजाम देने वालों में पंजाब, भोपाल, चित्रकूट व कौशांबी के लोग शामिल हैं। ये लोग फतेहपुर जिला जेल में बंद खनन माफिया से साठगांठ कर इसी तरह लोगों को ठगते हैं। पीड़ित की शिकायत पर एसपी ने साइबर थाने में आरोपितों पर मुकदमा दर्ज कराया है।

लखनऊ के गोमतीनगर थाना अंतर्गत विभूति खंड निवासी रणविजय सिंह ने पंजाब के तरन तारन के मूल निवासी व वर्तमान में कौशांबी के मंझनपुर रहने वाले हरवीर सिंह उर्फ काके सरदार के साथ भोपाल के अयोध्या नगर हुजूर निवासी मदन गुप्ता, चित्रकूट के रामघाट चरखारी मंदिर निवासी चंदन दीक्षित और कौशांबी के केसरवानी निवासी प्रेम चंद्र केसरवानी सहित दो अन्य लोगों पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया है। रणविजय सिंह की दिसंबर 2020 में आरोपियों से मुलाकात हुई थी।

आरोपितों ने बताया था कि वे रेलवे विभाग में स्क्रैप का काम दिल्ली व उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य प्रदेशों में करते हैं। यही नहीं, आरोपितों ने 2020 में जारी जिलाधिकारी फतेहपुर का सहमति पत्र दिखाकर बताया कि डीएम फतेहपुर ने दो खदानों के खनन प‌ट्टों का लाइसेंस साधना स्टील के नाम से जारी किया है, जिसमें रणविजय से निवेश करने को कहा था।

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