आखिर कब तक महिलाओं को समाज में एक वस्तु की तरह देखा जाएगा। कब तक उनकी जिंदगी के फैसले पुरुष लेता रहेगा। क्यों हर बार समाज उनकी भावनाओं को दबा कर खुद के अहम को ऊपर रखता है। क्या उन्हें अपनी मर्जी से जीने का अधिकार नही है। जिस महिला से जन्म मिला उसी के खिलाफ ऐसी घटनाएं सभ्य समाज को झकझोर देने का काम करती हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में एक महिला ने अपने पति और ससुरालीजनों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। बृहस्पतिवार सुबह महिला बदहवास हालत में दीवानी के गेट पर एक अधिवक्ता को मिली।
महिला ने अपने साथ हुई हैवानियत की दास्तां को सुनाते हुए का कहा कि उसके पति ने उसे दो युवकों को बेच दिया है। महिला एक महीने से उन लोगों के चुंगल में थी। दोनों ने महिला के साथ लगातार दुष्कर्म किया। मन भर जाने के बाद वे फिर बेचने के लिए उसे दूसरी जगह ले जा रहे थे। तभी मौका पाकर वह गाड़ी से भाग आई। पीड़िता ने मामले की तहरीर थाने में नहीं दी है।
महिला ने आरोप लगाया कि पिछले महीने वह मायके आई थी। तभी 13 अगस्त को पति बाइक से उसे वापस ससुराल ले गया। जहां उसने ले जाते समय रास्ते में मिले दो युवक के साथ मुझे जाने को कहा, कहा कि कहीं घूमने जाना हैं इसलिए गाड़ी लेकर आए हैं। जिससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती गाड़ी में बैठते ही दोनो युवकों ने मुझे रुमाल सुंघाकर बेहोश कर दिया। होश में आने पर मैने खुद को एक कमरे में पाया। उस युवकों ने उस सूनसान जगह पर मेरे साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि उसके पति ने उसे 3 लाख रुपये में बेंच दिया है।