मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा… इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा.. ये लाइने हैं फेमश गीतकार अमीर क़ज़लबाश की….सफलता की चमकदार बाहरी सतह के पीछे अक्सर एक कहानी होती है जो सोच से परे संघर्षों, जीवन के अप्रत्यासित मोड़ और अडिग धैर्य से भरी होती है. ऐसी ही कहानी है अवध ओझा की, जिनका नाम अब शिक्षा में उत्कृष्टता का पर्याय बन चुका है..इनका पढ़ाने का अपने अनूठा अंदाज हैं जो इन्हें बेहद लोकप्रिय बनाता हैं..
अवध प्रताप ओझा से लेकर ओझा सर
अवध ओझा जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर तो हैं ही इसके साथ ये बहुत ही बेहतरीन एजुकेटर भी हैं. उनके यूट्यूब चैनल के लाखों सब्सक्राइबर हैं. इनके एजुकेटर और मोटिवेशनल स्पीकर बनने के पीछे बड़ी ही दिलचस्प कहानी हैं… आज अवध ओझा हजारों, लाखों छात्रों के प्रेरणा हैं..और करोड़ों में कमाते हैं. आइए, यहां अवध ओझा के बारे में सबकुछ जानते हैं.. अवध प्रताप ओझा से लेकर ओझा सर और अब आम आदमी पार्टी के बड़ा चेहरा बनने तक का पूरा सफर….
पोस्टमास्टर थे पिता
ओझा सर का पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है लेकिन छात्रों के बीच वह ओझा सर के नाम से ही लोकप्रिय हैं. जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर और एजुकेटर अवध ओझा का जन्म 3 जुलाई 1984 को उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुआ था. उनके पिता श्रीमाता प्रसाद ओझा पोस्टमास्टर थे.कहा जाता है कि श्रीमाता प्रसाद ओझा न अपनी पांच एकड़ की जमान इसलिए बेच दी थी कि वह अपनी पत्नी को पढ़ा सकें. अवध ओझा की मां वकील थीं.
बचपन में थे बड़े शरारती
वही अगर इनके पढ़ाई की बात करें तो अवध ओझा की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गोंडा में हुई. स्कूल से अक्सर उनकी शरारतों की शिकायत मिलती रहती थी. 10वीं से आगे की एजुकेशन के लिए वह फातिमा इंटर स्कूल गए और फिर ग्रेजुएशन भी पूरा किया.
बचपन से IAS बनने का था ख्वाब
अवध ओझा का बचपन से ही IAS बनने का सपना था, इनको अपने माता-पिता का पूरा सपोर्ट भी मिला. यहां तक कि उनके माता-पिता ने जमीन बेचकर बेटे और बेटी को यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली पढ़ने भेजा. अवध ओझा ने दिल्ली में UPSC की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत भी की और सभी एग्जाम पास भी कर लिए…लेकिन सबसे बड़ी बात इसमें ये रही कि सब कुछ पास के बाद भी यूपीएससी मेंस क्वालिफाई नहीं कर पाए.. जिससे इनके IAS बनने का सपना तो सपना ही रह गया लेकिन वो कहते हैं ना कि कुछ अच्छा होने के लिए ही कुछ बुरा होता हैं..ठीक वही हुआ अवध ओझा के साथ.. क्योंकि यहीं से उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया और इसके बाद उन्होंने पढ़ने की जगह पढ़ाना शुरू कर दिया.. IAS तो ना बन पाए लेकिन कई IAS जरुर बना दिए…
स्टाइल छात्रों को नहीं आया पसंद
दरअसल, इसकी कहानी कुछ यूं शुरु होती हैं… मेंस क्वालिफाई ना कर पाने के बाद अवध ओझा ने इलाहाबाद में अपने दोस्त के कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाना शुरू कर दिया.. शुरुआत में उनके पढ़ाने का अंदाज स्टूडेंट्स को पंसद नहीं आया और उन्हें बेहद खराब प्रतिक्रिया मिली..यहां तक कि कई स्टूडेंट्स ने कोचिंग तक छोड़ दी..
पढ़ाने का अनूठा स्टाइल
लेकिन अवध ओझा भी कहां हार मानने वाले थे.. छात्रों का फीडबैक पाने के बाद अवध ओझा ने अपने पढ़ाने का स्टाइल बदला.. इसके बाद इनके जीवन ने करवटें लेनी शुरु कर दी… जैसे सब कुछ सही होने लगाऔर वह कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने लगे… धीरे-धीरे उनके पढ़ाने की अनूठी शैली विद्यार्थियों को रास आने लगी और लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती चली गई. इनके इतिहास पढ़ाने का अनुठा अंदाज बहुत प्रसिद्ध हैं…
यूपीएससी कोई मजाक नहीं
यहां तक कि अवध ओझा कई बड़े संस्थानों में पढ़ा चुके हैं.. IAS की कोचिंग कराने वाली चाणक्य आईएएस एकैडमी, एबीसी एकेडमी ऑफ सिविल, वाजीराम रवि आईएएस एकेडमी में वह कोचिंग दे चुके हैं. उनका कहना है कि यूपीएससी कोई मजाक नहीं है। इसमें 365 दिन, 7 घंटे देने होंगे, इससे कम कुछ भी नहीं…
अवध ओझा जी आम आदमी पार्टी में क्यों हुए शामिल
— AAP (@AamAadmiParty) December 2, 2024
खुद उन्हीं से सुनिए#AvadhOjhaJoinsAAP pic.twitter.com/KvXFC1yn3N
आदमी पार्टी में मिली महत्वपूर्ण भूमिका
इसी के साथ आपको ये जानकार शायद थोड़ी हैरानी होगी कि आज फेमश एजुकेटर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. इसके लिए आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. माना जा रहा हैं कि अवध ओझा आम आदमी पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका में रहेंगे.. वही सियासी पंडितों की मानें तो अवध ओझा दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं..