अडानी समूह की योग-प्रशिक्षिका ने बनाया विश्व रिकॉर्ड, योग की इस मुद्रा में घंटों बने रह कर रचा इतिहास…

स्मिता 2019 में एक पेशेवर योग प्रशिक्षक के रूप में AEL से जुड़ीं. उन्होंने कहा, “जिस तरह योग कभी भी मेरे लक्ष्यों का नियोजित हिस्सा नहीं था, अहमदाबाद जाना भी वैसा ही था. यह कदम मेरे लिए जीवन बदलने वाला अनुभव साबित हुआ. मुझे अपने सहयोगियों में एक परिवार भी मिला.”

अडानी समूह के स्वास्थ्य विभाग में पिछले 4 साल से बतौर इन-हाउस योग प्रशिक्षिका के रुप में जुड़ी स्मिता कुमारी ने विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है. अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान स्मिता ने योग की समकोणासन मुद्रा में रिकॉर्ड 3 घंटे 10 मिनट और 12 सेकंड तक बनी रहीं जो एक विश्व रिकॉर्ड है. इस रिकॉर्ड के लिए उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स टीम की ओर से अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने प्रमाण पत्र प्रदान किया.

इस अवसर पर उत्साहित स्मिता ने कहा, “यह मेरे लिए एक उत्साहजनक क्षण था. इस उपलब्धि के बारे में हमारे हेल्थकेयर हेड डॉक्टर पंकज कुमार दोषी ने चेयरमैन (गौतम अडानी) को सूचित किया, जिन्होंने मुझे सर्टिफिकेट दिया. मुझे राजेश अडानी, प्रबंध निदेशक, अडानी समूह और प्रणव अडानी, प्रबंध निदेशक (कृषि, तेल और गैस) और निदेशक, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) जैसे कई दिग्गजों से भी मिलने का मौका मिला, जिनके साथ मैंने योग को एक करियर विकल्प के रूप में चुनना, इस आयोजन की तैयारी के दौरान मुझे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और मैंने उनसे कैसे पार पाया आदि विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की.

समकोणासन योग सीखने, उसी मुद्रा में बने रहने और इसमें दक्षता हांसिल करना एक कठिन काम है. योग, बैले, नृत्य, जिम्नास्टिक और मार्शल आर्ट जैसे विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करना एक दिनचर्या का हिस्सा होनी चाहिए. शायद यही वजह है कि रांची की रहने वाली स्मिता ने अब इस मुश्किल स्थिति (समकोणासन) को बरकरार रखने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.

स्मिता ने पिछले साल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए आवेदन करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि, “अंतिम दिन के कार्यक्रम की तैयारी के दौरान, उन्हें पंजीकरण, कागजी कार्रवाई और शुल्क जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. तभी अडानी स्पोर्ट्सलाइन ने भी उनकी सहायता के लिए हस्तक्षेप किया.” उन्होंने कहा, अडानी स्पोर्ट्सलाइन टीम के साथ-साथ इन-हाउस फिजियोथेरेपिस्ट और डाइटीशियन ने मुझे इवेंट के दिन तक सावधानीपूर्वक मेरी यात्रा की योजना बनाने में मदद की.” इसके अलावा स्मिता को उनके सहयोगियों से भी मदद मिली.

स्मिता 2019 में एक पेशेवर योग प्रशिक्षक के रूप में AEL से जुड़ीं. उन्होंने कहा, “जिस तरह योग कभी भी मेरे लक्ष्यों का नियोजित हिस्सा नहीं था, अहमदाबाद जाना भी वैसा ही था. यह कदम मेरे लिए जीवन बदलने वाला अनुभव साबित हुआ. मुझे अपने सहयोगियों में एक परिवार भी मिला.”

29 वर्षीय इस महिला के पास योग में बिल्कुल बेहतर पकड़ नहीं थी और इसलिए उन्हें इस क्षेत्र में अपने पैर जमाने के लिए कई चुनौतियों से पार पाना पड़ा. जब तक वह आसनों में पारंगत नहीं हो जाती, तब तक वह घंटों अभ्यास करती. स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद उन्होंने देव संस्कृति विश्वविद्यालय, उत्तराखंड से अनुप्रयुक्त योग और मानव विज्ञान में स्नातकोत्तर किया, जहां उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था.

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