Ahmedabad : अदाणी पोर्ट्स एंड एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) ने गुजरात के कांडला पोर्ट में अदाणी पोर्ट्स मल्टीपर्पज बर्थ डेवलप करेगी. कांडला के दीनदयाल पोर्ट का 13 नंबर बर्थ 300 मीटर लंबा. बर्थ नम्बर 13 सालाना 5.7 MMT कैपिसिटी प्रोवाइड करेगा. अदाणी ग्रुप ने दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी से एग्रीमेंट किया. दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी (DPA) कंटेनर एंड क्लीन कार्गो टर्मिनल का भी गठन किया. APSEZ को 30 साल की रियायत अवधि के लिए LOI मिला. इसे वित्त वर्ष 2027 में चालू किए जाने की संभावना है. कांडला पोर्ट पर बहुउद्देशीय स्वच्छ कार्गों संभालेंगे.
ऐसे में जुलाई 2024 में, (APSEZ) को विकास, संचालन के लिए (एलओआई) प्राप्त हुआ था. 30 वर्ष की रियायती अवधि के लिए बर्थ का रखरखाव में APSEZ इसका विकास करेगा. डीबीएफओटी (डिज़ाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण) मॉडल के तहत बर्थ कंटेनर कार्गो सहित बहुउद्देशीय स्वच्छ कार्गो स्थापित करेगा. इसकी सम्भावना के अनुसार ये बर्थ नंबर 13,300 मीटर लंबा है और सालाना 5.7 एमएमटी क्षमता प्रदान करता है. FY27 में कमीशन किया गया.
आपको बता दें कि अश्वनी गुप्ता, पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ, एपीएसईज़ेड ने कहा कि “बर्थ नंबर 13 दीनदयाल बंदरगाह पर हमारी उपस्थिति में विविधता लाएगा, बंदरगाह पर बहुउद्देशीय स्वच्छ कार्गो अब हम संभाल लेंगे. सूखे थोक कार्गो के अलावा जो हम पहले से ही उपलब्ध हैं. यह बर्थ पश्चिमी तट पर हमारी स्थिति को और मजबूत करेगी. गुजरात और उत्तर भारत में ग्राहकों को सेवा देने की हमारी क्षमता में वृद्धि होगी”.
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के बारे में….
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईज़ेड), विश्व स्तर पर विविधीकृत अदानी समूह का एक हिस्सा है. एक बंदरगाह कंपनी से अंत तक समाधान प्रदान करने वाली एक एकीकृत परिवहन उपयोगिता के रूप में विकसित हुई है. 7 के साथ भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह डेवलपर और ऑपरेटर है. पश्चिमी तट (मुंद्रा, टूना, दहेज और हजीरा) पर रणनीतिक रूप से बंदरगाह और टर्मिनल स्थित. गुजरात, गोवा में मोरमुगाओ, महाराष्ट्र में दिघी और केरल में विझिंजम) और 8 बंदरगाह और टर्मिनल पूर्वी तट पर (पश्चिम बंगाल में हल्दिया, ओडिशा में धामरा और गोपालपुर, गंगावरम और आंध्र प्रदेश में कृष्णापट्टनम, तमिलनाडु में कट्टुपल्ली और एन्नोर और पुडुचेरी में कराईकल), देश की कुल बंदरगाह मात्रा का 27% प्रतिनिधित्व करता है.
यह कंपनी कोलंबो, श्रीलंका में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट भी विकसित कर रही है. और हाइफ़ा का संचालन करती है. इज़राइल में बंदरगाह और दार एस सलाम बंदरगाह, तंजानिया में कंटेनर टर्मिनल 2 रसद के लिए प्लेटफ़ॉर्म में बंदरगाह सुविधाएं. मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सहित एकीकृत लॉजिस्टिक्स क्षमताएं शामिल हैं.
पार्क, ग्रेड ए गोदाम और औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र इसे लाभप्रद स्थिति में रखते हैं. वैश्विक आपूर्ति शृंखला में आसन्न बदलाव से भारत को लाभ होगा. यह कंपनी का विज़न है. अगले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म होगा.