गाजियाबाद- गाजियाबाद की सदस्य तहसील में कल हुए एडवोकेट मनोज चौधरी की हत्याकांड का गाजियाबाद पुलिस ने खुलासा करते हुए उसके सगे जीजा उसके भाई और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है उनके कब्जे से हत्या में इस्तेमाल किया गया तमंचा भी रिकवर किया गया है यह हत्याकांड पारिवारिक विवाद और प्रॉपर्टी के बेचने को लेकर अंजाम दिया गया है। पुलिस ने सभी की गिरफ्तारी कर जांच तेज कर दी है। इस घटनाक्रम में अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही हैं।
बता दें कि गाजियाबाद की सदर तहसील में अधिवक्ता के चैम्बर में घुसकर दिनदहाड़े गोली मारने की सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस में गिरफ्तार किया है। इस हत्याकांड को प्रॉपर्टी विवाद और पारिवारिक विवाद के चलते दी गयी है। घटना से पहले आरोपी अमित डागर ने अपनी पत्नी को मैसेज भेजकर मनोज को हत्या की धमकी दी थी। पुलिस की माने तो मनोज की बहन सरिता की शादी अमित डगर से हुई थी शादी के बाद ही दोनों के बीच विवाद रहने लगा था। अमित ने अपनी पत्नी के नाम पर गाजियाबाद के दुहाई और चिरंजीव विहार इलाके में तकरीबन पौने दो करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी थी दोनों के बीच विवाद के बाद पत्नी अपने मायके चली गई पुलिस के मुताबिक पत्नी दोनों ही मकान को बेचने की जिद पर लड़ी थी जबकि अमित इसे मना कर रहा था। घी का काम और रक्षाबंधन के त्योहार पर बेटी को घर न लाने को लेकर शुरू हुआ जो बाद में हत्या के अंजाम तक पहुंचा। क्योंकि सरिता अपनी बेटी को लेकर मायके चली गई थी जबकि अमित का बेटा उसके साथ घर पर रह रहा था रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए अमित ने बेटी को लेकर ससुराल आने को कहा लेकिन सरिता ने साफ इंकार कर दिया सूत्रों की माने तो मनोज चौधरी उन मकानों को बेचने के लिए अपनी बहन को प्रेषित कर रहा था।
इसी बात से गुस्सा है अमित ने अपने भाई नितिन डगर को साथ लेकर इस हत्याकांड को अंजाम दे दिया। कल यानी घटना वाले दिन अमित सबसे पहले अपने ग्रेटर नोएडा स्थित चैंबर पर पहुंचा और अपना मोबाइल फोन वहीं छोड़कर गाजियाबाद आ गया और अपने भाई नितिन और दोस्त अनुज को साथ लेकर तहसील पहुंच जिस ब्रेजा कर से तहसील पहुंचे उसकी सीसीटीवी भी पुलिस ने साझा की है कुछ देर के भीतर उन्होंने घटना को अंजाम देकर वापस कर से बाहर निकले और फिर अपने घर चले गए वहां से पैदल निकल कर यह सेंट्रो कार में सवार होकर पहले अपने पैतृक गांव दुहाई पहुंचे और फिर मेरठ गाजियाबाद पुलिस ने देर रात उनके गिरफ्तारी मेरठ से की है। आरोपी अमित ने अपना फोन चेंबर पर इसलिए छोड़ा था ताकि उसकी लोकेशन वही की आए और कल को पुलिस अगर पूछताछ करें तो वह पुलिस को जांच में गच्चा दे सके यही नहीं उन्होंने तहसील में कल वकीलों के हड़ताल होने के चलते प्लानिंग बनाकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था ताकि काम भी बाल होने के चलते घटना को आसानी से अंजाम दिया जा सके। मनोज को गोली नितिन ने मारी है जो कि पेशे से एडवोकेट है और सदर तहसील में ही बैठता है जबकि अमित ग्रेटर नोएडा में डीड राइटर है और तीसरा आरोपी अंदर-19 क्रिकेट टीम का खिलाड़ी भी रह चुका है.