नई दिल्ली: भारत में शिक्षा को वैश्विक स्तर पर आकर्षक बनाने के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख पहल, स्टडी इन इंडिया (SII) पोर्टल, ने 2024-25 के शैक्षणिक वर्ष में 200 देशों से रिकॉर्ड 72,218 छात्रों को आकर्षित किया। कोविड-19 के कारण हुई गिरावट के बाद यह संख्या तेजी से बढ़ी है।
2011-12 में भारत में विदेशी छात्रों की संख्या 16,410 थी, जो 2014-15 में 34,774 और 2019-20 में 49,000 से अधिक हो गई। हालांकि, कोविड-19 के दौरान यह संख्या फिर से 2014-15 के स्तर पर पहुंच गई थी। अगस्त 2023 में शुरू किए गए स्टडी इन इंडिया पोर्टल ने विदेशियों के लिए प्रवेश और वीजा प्रक्रिया को आसान बना दिया है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “भारत प्राचीन तक्षशिला और नालंदा जैसे संस्थानों की तरह फिर से वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में उभर रहा है।” 638 संस्थानों और 8,000 से अधिक पाठ्यक्रमों के साथ, यह पोर्टल भारत को एक प्रमुख शैक्षिक गंतव्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इसके साथ ही, विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में अपने कैंपस खोलने की अनुमति दी गई है। डीकिन यूनिवर्सिटी और वोलोंगॉन्ग यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया) तथा साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी (इंग्लैंड) ने भारत में अपने संचालन शुरू कर दिए हैं। भारतीय आईआईटी भी विदेशों में कैंपस खोल रहे हैं, जैसे आईआईटी मद्रास ने तंजानिया और आईआईटी दिल्ली ने अबू धाबी में अपने कैंपस खोले हैं।