ओमिक्रॉन के बाद कोरोना के नए वैरियंट ‘डेल्टाक्रॉन’ का खतरा, जानें क्या है वैज्ञानिको की राय…

कोरोना का ओमिक्रॉन वैरियंट पूरी दुनिया में दहशत पैदा कर रहा है। इस वैरियंट को कोरोना का अब तक का सबसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट बताया गया है। लेकिन अब कोरोना का एक नया वैरियंट भी सामने आया है। दरसल, यह डेल्टा वैरियंट का मिश्रित रूप है जिसे ‘डेल्टाक्रॉन’ नाम दिया गया है। इस वैरियंट की खोज साइप्रस में की गई है।

कोरोना के इस नए वायरस डेल्टाक्रॉन की खोज साइप्रस यूनिवर्सिटी में जैव प्रौद्योगिकी और मॉलिक्यूलर वायरोलॉजी की प्रयोगशाला के प्रमुख डॉ. लियोन्डियोस कोस्ट्रिक्स ने की है। उनके अनुसार, यह वैरियंट ओमिक्रॉन का स्थान ले सकता है। वायरोलॉजिस्ट टॉम पीकॉक का कहना है कि डेल्टाक्रॉन वैरिएंट न होकर वास्तविक वैरिएंट का दूषित रूप हो सकता है। जब नए वैरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है तो इस तरह के कंटेनिमेटेड वर्सन पैदा हो सकते हैं। इन्हें आमतौर पर वैरिएंट नहीं माना जाता है। इनकी सॉर्स कोव-2 वायरस की तरह आनुवांशिक कड़ी नहीं जुड़ती है।

वही, देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1,79,723 नए केस सामने आये। इस दौरान कोरोना से 46,569 लोग ठीक भी हुए, लेकिन इसी दौरान 146 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो गई। बता दें कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रॉन, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है और इसका देश में प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। हाल में देश में कोरोना की दैनिक संक्रमण दर 9.28% है और इसके साथ ही एक्टिव मरीजों की संख्या 7,23,619 हो चुकी है।

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