अर्श से फर्श पर पहुंचे Akash Anand, यहां जानें Mayawati ने क्यों लिया इतना बड़ा एक्शन…

उनका BJP सरकार को आतंकवादियों की सरकार कहने वाला बयान ही ले लो। माना जा रहा है कि आकाश आनंद के इन बयानों से उनकी बुआ मायावती नाराज चल रहीं थी।

लोकसभा चुनाव में छिड़ी जंग के बीच मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को कल रात अचानक से BSP के नेशनल कोओर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी पद से हटा दिया। अभी तो पिछले साल दिसंबर में ही बसपा सुप्रीमो ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। फिर लोकसभा चुनाव के बीच अचानक मायावती ने अपना फैसला वापस क्यों ले लिया। हालांकि, उन्होंने अपने फैसले के पीछे वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि आकाश आनंद को पूर्ण परिपक्वता आने तक दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग रखा जाएगा।

मगर अब भी सवाल तो उठता ही है आखिर ऐसा क्या हो गया की बीच चुनाव में बसपा ने इतना बड़ा फेरबदल कर दिया। क्या सच में इसके पीछे आकाश आनंद अपरिपक्व हैं या फिर बात कुछ और है… ? चलिए जानते हैं…

BSP में आकाश आनंद एक सौम्य चेहरा लेकर आए थे। विदेश से पढ़कर आया हुआ एक ऐसा युवा चेहरा जो पार्टी को बदल सकता था। मगर बहुजन समाज पार्टी के भविष्य कहे जाने वाले आकाश आनंद अपने उत्तेजित और जबरदस्त भाषणों के चलते इन दिनों खूब चर्चा में छाए हुए थे। उनके कई बयान ऐसे थे जो खुद बसपा के नेताओं को भी समस्या में डाल रहे थे। अब जैसे उनका BJP सरकार को आतंकवादियों की सरकार कहने वाला बयान ही ले लो। माना जा रहा है कि आकाश आनंद के इन बयानों से उनकी बुआ मायावती नाराज चल रहीं थी। जिस तरह की राजनीति मायावती करती रही हैं और जिस तरह के बयान वह देती आई हैं उसमें आकाश आनंद की यह भाषा-शैली फिट नहीं हो रही थी। अब अपने ऐसे बयानों के चलते ही आज आकाश आनंद अर्श से फर्श पर आ गिरे हैं।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो आकाश का यही बयान उनके इस हाल का कारण बना है। इसके बाद एक के बाद एक आकाश बाबू पर कई FIR दर्ज हुए और फिर अचानक एक दिन वो पार्टी के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार से गायब हो गए। तब बसपा के अंदरखाने से उड़ती उड़ती खबर आई कि उनकी पेशी बहनजी के सामने हो गई है और अब हमने उसका परिणाम भी देख लिया। आकाश आनंद पर खुद उनकी बुआजी ने गाज गिरा दी। UP के सियासी जगत में बसपा चीफ मायावती का अपने ही भतीजे पर इस एक्शन से तो खुद राजनीति के पंडित भी चौंक गए हैं।

लेकिन मायावती की राजनीति को करीब से देखने वालों के लिए उनका ये कदम चौंकाने वाला नहीं लग रहा है। इसके लिए हमें उनके इस एक्शन के पीछे छुपे संभावित कारणों को समझना चाहिए। पहली बात ये कि मायावती ने इस एक्शन से न सिर्फ अपने कार्यकर्ता और समर्थक बल्कि जनता के बच्च में भी गहरा संदेश दे दिया है। दूसरी बात ये उन्होंने अपने इस एक्शन से ये भी साफ़ कर दिया है कि वो सरकार के खिलाफ खुलकर नहीं बोलना चाहती हैं और शायद यही उम्मीद वो आकाश आनंद से भी कर रही थीं।

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