आदिवासी महिलाओं की गरीबी सुन भावुक हुए अखिलेश, बोले- भाजपा राज में जंगल-जमीन से आदिवासियों को उजाड़ा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नेे आज मिर्जापुर और छानबे विधानसभा क्षेत्र से मिलने आए आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा राज में जंगल-जमीन से आदिवासियों को उजाड़ा गया है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नेे आज मिर्जापुर और छानबे विधानसभा क्षेत्र से मिलने आए आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा राज में जंगल-जमीन से आदिवासियों को उजाड़ा गया है। सरकारी वन अधिनियम से उनकी परेशानी बढ़ी है। आदिवासी क्षेत्र में पानी का घोर संकट है। समाजवादी सरकार बनने पर वनवासियों को प्राथमिकता से तमाम सुविधाएं दी जाएगी। महिलाओं को 500 की जगह तीन हजार रुपये पेंशन दी जाएगी। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी भी उपस्थित थे।

अखिलेश यादव ने कहा कि वाराणसी से सोनभद्र तक सड़क समाजवादी सरकार ने ही बनाई थी। सड़क और बिजली से विकास को रफ्तार मिलती है। सोनभद्र की बिजली नोएडा तक जाती है। सोनभद्र में सबसे ज्यादा बिजली बनती है। यहां सीमेंट और हिंडाल्को उद्योग है। समाजवादी अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व्यासजी गौड ने बताया कि आदिवासी क्षेत्र सोनभद्र, छानबे विधानसभा क्षेत्र तथा दुद्धी में जल संकट से लोग परेशान हैं। भाजपा झूठे आश्वासन देती है। समाजवादी जो कहते हैं वह करते हैं।

आदिवासी महिलाओं ने कहा कि उनके समाज को समाजवादी सरकार और अखिलेश यादव से ही सम्मान मिला है। उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिला था। 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा की सुविधा समाजवादी सरकार में ही दी गई थी। समाजवादी सरकार ने ही जो शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाएं दी थी वहीं अभी तक चल रही हैं। भाजपा सरकार में कोई विकास नहीं हुआ। जब आदिवासी महिलाओं ने अपनी गरीबी का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पास पूरे कपड़े तक नही हैं। उन्हें भरपूर भोजन भी नसीब नहीं होता है। अखिलेश ये सुनकर भावुक हो उठे।

आदिवासी महिलाओं ने अपने प्रिय नेता अखिलेश यादव को पारम्परिक बांस की टोपी तथा आदिवासी महानायक बिरसामुंडा का हथियार तीर कमान भेंट करने के साथ शबरी का भगवान रामचंद्र को बेर खिलाने वाला एक चित्र भी भेंट किया।

अखिलेश यादव से मिलने वालों में आदिवासी समाज ट्रस्ट मिर्जापुर की गुड्डी देवी कोल, श्याममती कोल छानबे विधानसभा सहित बुटा कोल, सरस्वती कोल, कलावती कोल, शांति देवी कोल, मीरा देवी कोल, कौशिल्या देवी कोल, सुघरा देवी कोल, फूलवंती देवी कोल, इन्द्रवती कोल, अमृत लाल कोल, अनीता कोल, मुन्नी भारती, गीता देवी कोल, शिवमन्दिर कोल, विनय कुमार कोल, रमेश कोल पूर्व बीडीसी, पप्पू कोल, अशोक कोल, गुलाब देखमुख कोल, वासुदेव कोल आदि प्रमुख हैं।

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