जिन बागियों ने राज्यसभा में सपा को दिया धोखा उनसे हिसाब-किताब करने की तैयारी में अखिलेश, पैरवी करने वालों पर भी होगा ऐक्शन !

उत्तर प्रदेश में 29 जुलाई 2024 से मानसून सत्र की शुरुआत होने जा रही हैं। अभी विधानसभा में नेता विपक्ष की कुर्सी खाली है। जल्द ही सपा मुखिया अखिलेश यादव नए मुख्य सचेतक और नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर लगाएंगे। नए मुख्य सचेतक और नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति करने के बाद बागी विधायकों पर शिकंजा कसने की तैयारी में सपा। बागी विधायक की दलबदल विरोधी कानून के आधार पर सदस्यता के खत्म करने के लिए समाजवादी पार्टी सबूत जुटा रही है।

इस साल फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में तेजी से बदले घटनाक्रम में रातों -रात सपा के सात विधायकों ने भाजपा का साथ देने का निर्णय कर लिया। जिसके बाद राज्यसभा चुनाव में सपा को बड़ा झटका लगा था। पार्टी आलाकमान राज्यसभा चुनाव में पाला बदलने और लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रति हमदर्दी दिखाने वाले लोगों से ज्यादा नाराज है। और उनके खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी में है।

बता दें कि राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के 7 विधायक बागी हो गए है और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट दे दिया। हालांकि इन विधायकों का लोकसभा चुनाव में कोई ख़ास असर भी देखने को नहीं मिला था। जहां जहां पर ये सभी सपा के बागियों ने प्रचार किया था वहां पर भाजपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था।

अगर बात करे अमेठी सीट को तो यहां पर सपा से बगावत कर राकेश प्रताप सिंह ने भाजपा का साथ दिया था लेकिन यहां पर भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इंडिया गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी केएल शर्मा ने 167196 से स्मृति ईरानी को हराया है। 539228 वोट पाकर केएल शर्मा ने से कांग्रेस की खोयी जमीन को वापस लाने में कामयाब रहे।

अब बात करते है रायबरेली सीट तो यहाँ पर सपा के कद्दावर नेता मनोज पांडे ने बगावत करके भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह का साथ दिया, लेकिन यहां पर भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गाँधी ने 687649 पाकर ऐतिहासिक जीत हासिल की। वहीं दिनेश प्रताप सिंह को मात्र 297619 वोट ही मिले। राहुल गांधी ने दिनेश प्रताप सिंह को 390030 वोटों से हराया।

अम्बेडकर नगर में भी सपा से बगावत कर राकेश पांडे ने भाजपा का प्रचार प्रसार किया। लेकिन इनकी जमीनी पकड़ कुछ खास नहीं दिखी और सपा प्रत्याशी लाल जी वर्मा की 137247 वोटों से ऐतिहासिक जीत मिली। अम्बेडकर नगर में लाल जी वर्मा को 544959 वोट मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडेय को 407712 वोट मिले।

जालौन लोकसभा सीट पर भी सपा से बगावत करके भाजपा में आये लेकिन विनोद चतुर्वेदी कमाल नहीं दिखा पाए। यहां पर भी भाजपा को करारी हार मिली है। यहां से सपा प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार ने 53898 वोटों से रिकार्ड तोड़ जीत हासिल की है। यहां पर सपा प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार को 530180 मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी भानु प्रताप सिंह को मात्र 476282 इतने वोट ही मिले। इस सीट पर भी सपा के बागी विधायक ने कोई कमाल दिखा नहीं पाए।

कौशाम्बी लोकसभा सीट पर सपा के पुष्पेंद्र सरोज की जीत हुई। यहां पर सपा विधायक पूजा पाल बगावत करके भाजपा के लिए प्रचार प्रसार किया था लेकिन उनका कोई खास असर नहीं दिखा। पुष्पेंद्र सरोज ने 103944 वोटों से जीत दर्ज की। सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज को 509787 वोट मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी विनोद कुमार सोनकर को 405843 इतने वोट ही मिले। पल्लवी पटेल का भी पूरा चुनाव में कहीं पर असर दिखाई नहीं पड़ा।

बलिया लोकसभा सीट भी भाजपा के हाथ से निकल गयी। वोटिंग से कुछ दिन पहले ही सपा के नारद राय ने पार्टी से बगावत कर और भाजपा के साथ चले गए। लेकिन वहां इन्होने कोई खास कमाल दिखा नहीं पाए। यहाँ पर सपा के सनातन पांडेय ने 43384 वोटों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। सनातन पांडेय को 467068 वोट मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर को मात्र 423684 मत ही प्राप्त हुए।

फैज़ाबाद लोकसभा सीट पर राम भक्तो ने यह प्रमाण दिया दे दिया कि जो राम को लाये है जनता उन्हें सदन से बहार भी भेज सकती है। बात करते है अयोध्या की यहां पर सपा से बगावत करके भाजपा में शामिल हुए गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह का कोई खास असर नहीं दिखा। अयोध्या में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने 54567 वोटो से जीत हासिल की। सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को 554289 मिला वही भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को मात्र 499722 वोट मिला।

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