नए DGP पर अखिलेश का तंज,- क़ानून-व्यवस्था को लेकर सरकार का रवैया काम-चलाऊ, कार्यवाहक अधिकारी से ही काम चलाएगी सरकार

कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान आज सेवानिवृत्त हो गए। योगी सरकार ने उनके स्थान पर आरके विश्वकर्मा को नया कार्यवाहक डीजीपी बनाने का निर्णय लिया है। आरके विश्वकर्मा 1988 बैच के IPS अधिकारी हैं और वह यूपी के जौनपुर जिले के रहने वाले है। आरके विश्वकर्मा के कार्यवाहक डीजीपी बनने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने तंज कसा है। ट्ववीट करते हुए उन्होंने कहा कि क़ानून-व्यवस्था को लेकर सरकार का रवैया काम-चलाऊ है। सरकार कार्यवाहक अधिकारी से ही काम चलाएगी।

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश को नया कार्यवाहक डीजीपी मिला, जिसके बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मौजूदा योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। तंज कस्ते हुए उन्होंने कहा कि उप्र पुलिस को मिला फिर से एक नया ‘कार्यवाहक DGP। जब क़ानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार का रवैया काम-चलाऊ होगा तो कार्यवाहक अधिकारी से ही काम चलाया जाएगा।

आज अपराधियों की तरफ़ से लड्डू बंटेंगे- अखिलेश

वहीं सपा मुखिया ने आगे कहा कि आज अपराधियों की तरफ़ से लड्डू बंटेंगे क्योंकि उप्र शासन-प्रशासन की ढिलाई की वजह से ये समय अपराधियों के लिए अमृत-काल जो है।

ईमानदार अफसर के तौर पर पहचाने जाते है आरके विश्वकर्मा

आईपीएस अधिकारी आरके विश्वकर्मा की ईमानदार अफसर के तौर पर पहचान होती है। 1988 में आईपीएस अधिकारी बनने के बाद से वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। ,यही वजह है कि सीएम योगी ने उन्हें यूपी का कार्यवाहक डीजीपी बनाया है। उनके पूर्व डीएस चौहान को सीएम योगी ने यूपी का कार्यवाहक डीजीपी बनाया था। उनका कार्यकाल 11 महीने का रहा।

डीजीपी की रेस में इन आईपीएस का नाम आया था सामने

गौरतलब है कि इसके पूर्व मुकुल गोयल, आनन्द कुमार व विजय कुमार सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का नाम डीजीपी पद के लिए सामने आ रहा था। लेकिन सीएम योगी ने आरके विश्वकर्मा को यूपी का कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नियुक्त किया है।

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