
रिपोर्ट- लोकेश राय
एक तरफ आज पूरे देश मे 15 से 18 साल के किशोरों के लिए वेक्सीनशन की शुरुआत हो रही है तो वही दूसरी तरफ अभी भी वैक्सीनेशन में बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। ग़ाज़ियाबाद में एक शख्स को उसकी मौत के 28 दिन बाद कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी गयी। परिवार में उनके बेटे को इसकी जानकारी तब मिली जब 30 दिसंबर को उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी होते ही उन्हें मोबाइल पर आए मैसेज आया।
गोविंदपुरम के मढैया गाँव के रहने वाले गिरिराज सिंह की मेरठ के दौराला स्थित एक।निजी अस्पताल में बीमारी के इलाज के दौरान 2 दिसंबर 2021 को उनकी मृत्यु हो गयी। मृत्यु के बाद दौराला नगर पंचायत से 30 दिसंबर को उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया हैं। गिरिराज सिंह के बेटे प्रवेंद्र तेवतिया ने बताया कि परिवार में और भी सदस्य है जिनके वैक्सीनेशन की दूसरी डोज नही लगी है, अब किसी और सदस्य के साथ ये फर्जीवाड़ा नजे हो इसके लिए वैक्सीनेशन का अपॉइंटमेंट ऑनलाइन लिया है।
क्या कहते है सीएचसी के प्रभारी?
कोविशिल्ड वैक्सीन की डोज ग़ाज़ियाबाद के डासना सीएचसी पर लगाई गई है। डासना सीएचसी के प्रभारी डॉक्टर भारत भूषण ने कहा है कि “कई लोग पहली डोज केबाद दूसरी डोज को लगवाने नही पहुँचे है। लाखों लोग ऐसे है जो पहली डोज लगवाने के बाद दूसरी डोज लगवाने नही पहुचते है, पोर्टल पर डाटा मिसमैच हो रहा है आगे से गाइड लाइन आए है। इसलिए हम रेंडमली अपडेट कर रहे है।कई लोगो के 90 दिन पूरे हो चुके है, कई के डेढ़ सौ दिन और कई लोगो के 250 दिन पूरे हो चुके है। ऐसे में हमे प्रेशर आता है कि डाटा अपडेट क्यो नही हो रहा तब हमें करना पड़ता है।”
वेक्सीनशन में हो रही आकड़ो की बाजीगरी
जानकर मानते है कि सरकार उर स्वास्थ्य विभाग आंकड़े पूरे करने के लिए ये खेल करते है। जिन लोगो को दूसरी डोज लगी ही नही उन्हें वैक्सीनेशन के डोज लगाकर आड़े दुरुस्त किये जा रहे है। ताकि कम्पलीट वेक्सीनशन में स्वास्थ्य विभाग और जिले की रैंकिंग ना बिगड़े।