अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अबतक करोड़ों रुपये खर्च ह चुके हैं। ये जानकारी खुद वहां के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी मंडल के तरफ से दी गई है। जिसके तहत मंदिर के चल रहे निर्माण कार्य पर अब तक 2776 करोड़ खर्च किए गए हैं। इसको लेकर गुरुवार यानी 22 अगस्त को ट्रस्ट के न्यासी मंडल ने 2023-24 के लिए अपने व्यय और आय का ब्योरा पेश किया था, जिसमें इस बात का खुलासा है कि पिछले वित्तीय वर्ष में मंदिर के चल रहे निर्माण कार्य पर अब तक 2776 करोड़ खर्च किए गए हैं।
अब तक इतना हुआ खर्च
दरअसल, यह ब्योरा बीते गुरुवार को अयोध्या में मणि रामदास छावनी में दिन भर चली बैठक के दौरान पेश किया गया था, जिसकी अध्यक्षता खुद ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने की है। इस बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा भी मौजूद थे। इस दौरान ट्रस्ट ने बताया है कि पिछले वित्तीय वर्ष में 2776 करोड़ खर्च किए गए थें जिसमें से 540 करोड़ मंदिर के निर्माण पर और 136 करोड़ मंदिर से जुड़े दूसरे कार्यों पर खर्च किए गए हैं। वहीं, पिछले चार वर्षों में अब तक मंदिर निर्माण पर करीब 1,850 करोड़ पाउंड खर्च किए गए हैं।
ये है पूरा ब्योरा
इस मामले पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपने बयान में बताया कि ट्रस्ट ने चालू वित्त वर्ष में मंदिर निर्माण और अन्य संबंधित खर्चों पर 850 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया है। पिछले वित्त वर्ष में ट्रस्ट ने 363.34 करोड़ रुपये कमाए। इसमें से 204 करोड़ रुपये बैंक ब्याज और 258 करोड़ रुपये अयोध्या कार्यालय में प्राप्त नकदी और चेक से मिले। ट्रस्ट को मंदिर में दान पेटियों में 24.50 करोड़ रुपये नकद भी मिले। बाद में यह रकम ट्रस्ट के अयोध्या स्थित बैंक खाते में जमा कर दी गई।
PM ने 22 जनवरी को किया था भूमि पूजन
इसके अलावा ट्रस्ट को एफसीआरए बैंक खाते में एनआरआईएस से मिले दान के रूप में 10.43 करोड़ रुपये मिले हैं। ट्रस्ट ने सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को 900 किलो चांदी और 20 किलो सोना भी सौंपा है। इसका परीक्षण इस साल सितंबर में एसपीएमसी के हैदराबाद कार्यालय में किया जाएगा। इस साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया था। मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को मंदिर निर्माण के लिए “भूमि पूजन” किया था, जिसके बाद 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया था।