31 बार जमानत जब्त, बकरी बेंच 32वीं बार मैंदान में उतरा प्रत्याशी, बीजेपी-कांग्रेस के खिलाफ ठोंकी ताल

हर बार जमानत जब्त होने के बावजूद मनरेगा कर्मी का चुनाव लड़ने का जुनून कम नहीं हुआ और 25 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए किस्मत आजमा रहे हैं।

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान के गंगानगर के 78 वर्षीय मनरेगा दिहाड़ी मजदूर तीतर सिंह ने 32वीं बार विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है। सिंह, जिन्होंने 1970 के दशक से ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक 31 चुनाव लड़े हैं, लेकिन हर बार हार का सामना करना पड़ा।

हर बार जमानत जब्त होने के बावजूद इस मनरेगा कर्मी का चुनाव लड़ने का जुनून कम नहीं हुआ और 25 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए 32वीं बार करणपुर विधानसभा क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्होने कहा कि मैं 32वीं बार चुनाव लड़ रहा हूं,मेरी चार पीढ़ियां गुजर गईं लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राज्य सरकारों ने गरीबों के लिए या गांव के विकास के लिए कुछ नहीं किया। सरकार को गरीबों को जमीन, सुविधाएं देनी चाहिए।

तीतर सिंह श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र के 25 एफ गुलाबेवाला के रहने वाले हैं। क्षेत्र के निवासियों का कहना है। तीतर सिंह ने दस बार लोकसभा चुनाव, दस बार विधान सभा चुनाव लड़ा है, और वह 11 बार जिला परिषद अध्यक्ष और सरपंच और वार्ड सदस्यता चुनाव में खड़े हुए हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि तीतर सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए कई बार अपनी बकरियां बेचीं।

तीतर सिंह ने का कहना है कि वह लोकप्रियता हासिल करने या रिकॉर्ड बनाने के लिए चुनाव नहीं लड़ते हैं, बल्कि इसलिए लड़ते हैं क्योंकि चुनाव अपने अधिकार हासिल करने का एक हथियार है। उन्होने कहा कि अगर मैं विधायक के रूप में चुना जाता हूं, तो मेरा ध्यान गांव में सड़कें विकसित करने, गांव में कई विकास कार्य करने पर होगा और सरकार से भूमिहीन और गरीब मजदूरों को जमीन आवंटित करने का आग्रह करूंगा।

उनके हलफनामे के अनुसार, वर्तमान में वह 78 वर्ष के हैं, उनकी तीन बेटियां, दो बेटे और पोते-पोतियां हैं। उनके खाते में 2500 रुपये जमा हैं लेकिन न जमीन है, न गाड़ी, न घोड़े. पूरे साल वह मेहनत करते हैं लेकिन चुनाव के दौरान उनकी जिंदगी बदल जाती है और वह घर-घर जाकर प्रचार करते हैं और वोट मांगते हैं।

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