दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने दिवंगत नेता मुलायम सिंह, अखिलेश यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में आगे सुनवाई से इनकार कर दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई बंद कर दी। शीर्ष अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी देते हुए इसके खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है।
आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ-साथ प्रतीक यादव को भी बड़ी राहत मिली है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई 2013 में ही इस मामले की जांच बंद कर चुकी है। इसलिए इस याचिका में कोई मेरिट नहीं बची है।
बता दें कि वर्ष 2005 में कांग्रेस से जुड़े वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव, उनके बेटों अखिलेश और प्रतीक, बहू डिंपल यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दायर किया गया था। जिसके बाद वर्ष 2007 में इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया गया। सीबीआई ने जांच शुरू की। उसके बाद सीबीआई ने वर्ष 2008 में ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच कर मुलायम और उनके परिवार के खिलाफ मामले को वापस लेने की मांग की।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने समीक्षा याचिका पर वर्ष 2012 में एक आदेश पारित किया। इसके तहत डिंपल यादव का नाम हटा दिया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव व प्रतीक यादव की पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई 2013 में ही इस मामले की जांच बंद कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस याचिका में कोई मेरिट नहीं बची है। पिछली सुनवाई के दौरान अखिलेश यादव के वकील कपिल सिब्बल ने मामले की सुनवाई बंद करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि 2019 में सीबीआई हलफनामा दाखिल कर कह चुकी है कि इस मामले की जांच वह बंद कर चुकी है।