Bihar:BJP के नंद किशोर बने नए विधानसभा अध्यक्ष, तेजस्वी ने छुए पैर…

पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव बने नए विधानसभा अध्यक्ष। वहीं, CM नीतीश कुमार सदन के नेता और तेजस्वी नेता विरोधी दल चुने गए।

डिजिटल डेस्क: बिहार में पिछले कुछ दिनों से सियासी सरगर्मी बढ़ती नजर आ रही है। विधानसभा में पक्ष विपक्ष के बढ़ते वाद विवाद के बीच गुरुवार यानी 15 जनवरी को नए स्पीकर का चुनाव पूरा हो गया है। बिहार विधानसभा में आज सर्वसम्मिति से BJP के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव को नए स्पीकर का पदभार सौंपा गया। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन के नेता और तेजस्वी यादव नेता विरोधी दल चुने गए। नंद के ताजपोशी के बाद CM नीतीश कुमार और नेता नेता विरोधी दल तेजस्वी ने उनको बधाई दी उनके साथ विधानसभा अध्य़क्ष की कुर्सी तक गए। इस दौरान वहां इन लोगों के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद थें।

तेजस्वी ने छुए पैर…

इस बीच जहाँ एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उनके नए स्पीकर के रूप में चुने जाने पर बधाई दी। तो दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने  उनपर न सिर्फ अपना भरोसा जताया बल्कि मान सम्मान देते हुए उनके पैर भी छुए। इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि, “आपके लिए सदन के सभी सदस्य बराबर है। मुझे पूरा भरोसा है कि आप निष्पक्ष होकर सदन चलाएंगे।” इसके बाद सदन की कार्यवाही 19 फरवरी तक स्थगित कर दी गई।

नंद से पहले RJD के अवध बिहारी चौधरी थें अध्यक्ष

बता दें कि नन्द किशोर यादव, पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रह चुके हैं। बिहार विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के एक दिन बाद यानी मंगलवार को स्पीकर पद के लिए उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया था। उससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के अवध बिहारी चौधरी अध्यक्ष थे। मगर चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाने के बाद जनता दल यूनाइटेड के महेश्वर हजारी सदन उपसभापति के रूप में कार्यवाही का संचालन कर रहे थे।

पहले भी नीतीश सरकार में रह चुके हैं नेता

नए स्पीकर के रूप में नन्द किशोर यादव को चुना जाना कोई हैरानी की बात नहीं है। वो इससे पहले भी नीतीश सरकार में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत वर्ष 1978 में की जब उन्हें पटना नगर निगम के पार्षद के रूप में चुना गया। इसके बाद वर्ष 1982 में उन्होंने  पटना के उपमहापौर का पदभार संभाला है। वर्ष 1995 में पहली बार नंद किशोर यादव विधायक चुने गए। वहीं, सियासी जानकारों के अनुसार अब लोकसभा चुनाव से पहले उनके नाम पर अध्यक्ष पद के लिए मुहर भाजपा के नई सत्तारूढ़ व्यवस्था में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और उच्च जाति के बीच संतुलन बनाने का एक जबरदस्त प्रयास है।

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