उत्तर प्रदेश में कभी कांग्रेस पार्टी का पॉवर सेंटर कहे जाने वाला वाराणसी का औरंगाबाद हाउस इतिहास में पहली बार बीजेपी के रंग में रंग गया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व रेल मंत्री कमलापति त्रिपाठी का आवास बदलते विचारधाराओं और बदलते समीकरण के बीच अपना रंग भी बदल लिया है। 22 अप्रैल को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के द्वारा कमलापति त्रिपाठी के पौत्र सोमेशपति त्रिपाठी को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करवाया। वहीं, रविवार को वाराणसी पहुंचे सोमेशपति त्रिपाठी पहली बार वाराणसी आवास को भगवा और बीजेपी के रंगों से रंगते हुए मीडिया के सामने आए। बीजेपी में शामिल होने पर उन्होंने पुराने और नए कांग्रेस की बदली हुई विचारधाराओं को बताया, तो वही अपने पारिवारिक रिश्तों को भी बचाते हुए उन्होंने अपने भतीजे एवं भदोही से टीएमसी के प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव प्रचार न करने की बात कही।
औरंगाबाद हाउस पर पहली बार लहराया बीजेपी का झंडा
कांग्रेस पार्टी एवं नेहरू व इंदिरा गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के औरंगाबाद हाउस पर पहली बार बीजेपी का झंडा लहराते देख हर कोई हैरान रहा। जानकारों के अनुसार औरंगाबाद हाउस में देश के बड़े नेता एक बार अपना चेहरा दिखाने के लिए लालाइत रहते थे। कभी सत्ता का केंद्र माने जाने वाला औरंगाबाद हाउस में नेताओं का जमावड़ा लगा होता और कमलापति त्रिपाठी के मिलने की होड़ लगी रहती थी। वाराणसी और आसपास के जनपदों में कमलापति त्रिपाठी की विरासत को राजनीतिक दृष्टि से उनकी चौथी पीढ़ी संवारने में जुटी हुई है।
भारतीय राजनीति में मौजूदा समय में कमलापति त्रिपाठी के परिवार के सदस्य अब तक कांग्रेस और टीएमसी के साथ रहे। लेकिन अब कमलापति त्रिपाठी के पौत्र सोमेशपति त्रिपाठी के जरिए यह परिवार बीजेपी के पास भी पहुंच गया है। हालांकि अभी भी परिवार कांग्रेस के साथ है और टीएमसी ने कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेश पति त्रिपाठी को भदोही से इंडी गठबंधन का प्रत्याशी भी बनाया है।