जिले के 5 विधायको को दरकिनार कर बीजेपी ने ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप को बनाया मंत्री।

गाजियाबाद : बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद नरेंद्र कश्यप को योगी 2.0 में जगह मिल गई है। उन्हें मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया हैं। लखनऊ के इकाना स्टेडियम के शपथ ग्रहण के दौरान उनके घर के बाहर ढ़ोल नगाड़ो से जश्न मनाया जा रहा हैं। नरेंद्र कश्यप पिछले कई दिन से लखनऊ में ही डेरा डाले हुए थे। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे उन्हें सीएम आवास से बुलावा आया। वह सीएम आवास पहुंचे तो मंत्रिमंडल में शामिल होने की बधाई मिली। नरेंद्र कश्यप ने भारत समाचार से हुई फोन पर बातचीत से बताया कि उन्हें सीएम आवास बुलाया गया था, जहां पर उन्हें मंत्री बनाये जाने की जानकारी मिली हैं। शीर्ष नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी दी है उसका निर्वहन करूंगा।

घर मे है जश्न का माहौल खुद मंत्री ने फोन कर दी थी जानकारी।
मंत्री नरेंद्र कश्यप के घर पर ही शपथ ग्रहण के दौरान जश्न का माहौल था आस-पड़ोस और उनके शुभचिंतकों का बधाई देने के लिए जमावड़ा लगा था लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे थे। मंत्री नरेंद्र कश्यप ने ही अपने परिजनों को फोन कर शपथ ग्रहण समारोह में जाने की जानकारी दी थी। मन्तरि के बेटे ने बताया कि उन्हें 1 बजे इसकी जानकारी पिता और मीडिया के माध्यम से लगी हैं।

पेशे से एडवोकेट नरेंद्र कश्यप मूल रूप से गाजियाबाद जिले में ग्राम सरवानी के रहने वाले हैं। वह बसपा से दो बार एमएलसी और एक बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। उनकी गिनती मायावती के करीबियों में होती थी। उन्होंने बसपा में राष्ट्रीय महासचिव तक का सफर तय किया। पुत्रवधु की दहेज हत्या में कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद बसपा ने उन्हें 2016 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।

नरेंद्र कश्यप का राजनीतिक सफर
1992 से 2016 तक बीएसपी सुप्रीमो मायावती के करीबी रहे।
1998 में उन्हें बसपा का प्रदेश महासचिव और एमएलसी बनाया गया।
2003 में बसपा ने राष्ट्रीय महासचिव पद पर मनोनीत किया।
2004 में कार्यकाल खत्म होते ही 2010 तक के लिए दोबारा एमएलसी बनाया।
2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया।
2016 में बसपा ने निष्कासित कर दिया।
11 जनवरी 2017 को वह नरेंद्र कश्यप ने बीजेपी ज्वाइन की।
जून-2021 में बीजेपी ने ओबीसी मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया।

बहु की हत्या में कोर्ट ने सुनाई थी सजा, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

बदायूं निवासी पूर्व मंत्री हीरालाल कश्यप ने अपनी बेटी हिमांशी की शादी 27 नवंबर 2013 को गाजियाबाद निवासी पूर्व एमएलसी नरेंद्र कश्यप के बेटे सागर से की थी। 6 अप्रैल 2016 को गाजियाबाद के संजयनगर स्थित आवास पर हिमांशी को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लग गई और यशोदा हॉस्पिटल में उनकी मौत हो गई। हीरालाल कश्यप ने नरेंद्र कश्यप, सागर, देवेंद्री, सिद्धार्थ, सरिता और शोभा के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा थाना कविनगर में दर्ज कराया। 30 जून 2016 को पुलिस ने इस केस में चार्जशीट लगा दी।


25 जनवरी 2018 को गाजियाबाद की कोर्ट ने नरेंद्र कश्यप, उनकी पत्नी देवेंद्री और बेटे सागर कश्यप को दोषी करार दिया। कोर्ट ने नरेंद्र कश्यप को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ वह हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट इलाहाबाद ने 23 अक्तूबर 2019 को इस सजा पर रोक लगा दी। तब से वह जमानत पर चल रहे हैं।

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