इस महीने की शुरुआत में अपने पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह को सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले में मेवाड़ के पूर्व शाही परिवार का मुखिया नियुक्त किया गया। पूरे रीति रिवाज से उनका राजतिलक हुआ।
मंदिर और महल दोनों ही अरविंद के कब्जे में हैं, जो उदयपुर में श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध ट्रस्टी हैं। अरविंद की तरफ से जारी दो सार्वजनिक नोटिसों में आरोप लगाया गया कि समारोह के नाम पर ये अतिक्रमण करने की कोशिश है।
इसी वजह से किसी भी बाहरी शख्स के मंदिर और सिटी पैलेस में जाने पर रोक लगा दी गई। अरविंद के वकील ने कहा कि जबरन घुसने या किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चित्तौड़गढ़ किले में समारोह के बाद विश्वराज सिंह और उनके समर्थक सोमवार शाम को सिटी पैलेस और एकलिंगनाथजी मंदिर के दर्शन के लिए उदयपुर पहुंचे। लेकिन पहले से ही भारी पुलिस तैनाती होने की वजह से वो अंदर नहीं जा पाए।
विश्वराज सिंह के समर्थकों ने बैरिकेडिंग तोड़कर, जबरन अंदर घुसने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया। विश्वराज सिंह ने कानून की सीमाओं के अंदर अपनी आवाज उठाने के लिए मेवाड़ के लोगों को धन्यवाद दिया।
“मुझे इस बात की खुशी है कि लोगों ने सही मकसद के लिए आवाज उठाई और मुझे इस बात की ज्यादा खुशी है कि लोगों ने आवाज उठाते समय कानून को अपने हाथ में नहीं लिया। लोगों ने शांत रहते हुए अपनी आवाज उठाई। मेवाड़ साहस के लिए मशहूर है, लेकिन सभ्यता वासते भी मशहूर है। लेकिन हमें एक बात का दुख है कि हमने प्रशासन की कमियां देखीं कि ऐसे समय में हमने उन्हें कार्रवाई करते नहीं देखा।”
आला पुलिस अधिकारियों और उदयपुर कलेक्टर ने विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों से बात की और मामले को सुलझाने की कोशिश की। उन्होंने अरविंद सिंह के बेटे से भी बातचीत की, लेकिन वो बेनतीजा रही। सिटी पैलेस में जाने से रोकने के बाद विश्वराज अपने समर्थकों के साथ वहां से कुछ मीटर की दूरी पर जगदीश चौक चले गए।